बिहार के शहरी क्षेत्रों को प्लास्टिक से मुक्त करने की कवायद तेज हो चुकी है। एक तरफ जहां प्लास्टिक और पॉलीथिन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है वहीं प्रदूषण की समस्या भी गंभीर होती जा रही है। इसी को देखते हुए भागलपुर शहर में प्लास्टिक से सड़क बनाने की योजना है। रोजाना 250 मीट्रिक टन में करीब 225 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे की मात्रा रहती है। पर्यावरण के लिए खतरनाक बन रहे प्लास्टिक उत्पादों से निपटने की तैयारी नगर निगम ने कर ली है। नगर निगम के प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन की जिम्मेदारी निजी कंपनी को सौंपी जाएगी। दिल्ली और वाराणसी में काम कर रही सिंगापुर की फुल सर्किल कंपनी राज्य के भागलपुर में अगले महीने यानी दिसंबर से काम शुरू कर देगी।
प्लास्टिक व कैरीबैग को कूड़ेदान में फेंकने की जरूरत नहीं है। छह रुपये प्रति किलोग्राम की दर से कंपनी खरीदेगी। प्लास्टिक मुक्त शहर अभियान के लिए पहले चरण में कंपनी ने पांच वार्डों से कार्य शुरू करेगा। इसमें वार्ड 21, 18, 20, 22 व 38 में प्रायोगिक रूप से कार्य करना है। घर-घर जाकर कंपनी के प्रतिनिधि कचरे इकट्ठा करेगी। इन वार्ड में एक कंपनी का काउंटर होगा, जहां लोग प्लास्टिक जमा कर सकेंगे। इसे रिसाइकिल बैंक का नाम दिया गया है।
शहर में बिखरे पड़े प्लास्टिक का इस्तेमाल सड़क निर्माण में होगा।प्लास्टिक सामग्री को सीमेंट भट्टों, अपशिष्ट को ऊर्जा संयंत्रों और ईंधन संयंत्र के साथ रिसाइकिल योग्य प्लास्टिक कचरे को प्रोसेसिंंग प्लांट में भेजा जाएगा। भागलपुर मेें जमा प्लास्टिक का बंडल तैयार करने के लिए आटोमैटिक व हैंड बेलिंग मशीन स्थापित होगा। निगम ने भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया है।