बेघर लोगों के लिए अच्छी खबर है। पटना प्रमंडल में 15 अगस्त तक 10 लाख लोगों के उनके पक्के घर का सपना हकीकत में बदल जाएगा। महीने के आखिर तक लाभार्थियों को सहायता राशि एवं भूमिहीनों को भूमि उपलब्ध करा दी जाएगी। प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि ने रविवार को पदाधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें इस संदर्भ में उन्होंने निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन होने से आम लोगों में संतुष्टि आती है। शिकायत भी कम आता है। निर्धारित समय पर पदाधिकारी आवास योजना को पूर्ण करने का टारगेट पूरा करें। मौके पर बालामुरुगन डी. (सचिव, ग्रामीण विकास विभाग) ने प्रमंडल के तमाम जिलों के प्रगति प्रतिवेदन का निरीक्षण किया।
प्रमंडल के आयुक्त ने कहा कि ग्रामीण इलाकों के निर्धन परिवारों को पक्का आवास उनकी मूलभूत आवश्यकता है। अधिनियम के प्राविधानों के मुताबिक सरकार के लोक कल्याणकारी एवं विकाससात्मक योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिला पदाधिकारी को है। जरूरतमंदों तक मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान सहित तमाम योजनाओं का लाभ पहुंचे।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, वास भूमि विहीन परिवारों को भूमि की उपलब्धता, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, आवास प्लस लिस्ट से लक्ष्य के विरुद्ध सौ-फीसद स्वीकृति एवं पहले इंस्टालमेंट का भुगतान कर दिया गया है। 30 जून तक अयोग्य लाभुकों को स्मारित किया जाना है। इंदिरा आवास की लंबित उपलब्धि 24 फीसद रही है।
विभाग के सचिव बालामुरुगन डी. कहते हैं कि जून के आखिर तक भूमिहीनों को भूमि उपलब्ध करा दें। 12 महीने से अधिक विलंबित मकानों को ग्रामीण राजमिस्त्री ट्रेनिंग कार्यक्रम के अंतर्गत लें, द्वितीय किस्त के भुगतान का नियमित अनुश्रवण और प्रतिदिन पूर्णता करें, ‘प्रात: संवाद कार्यक्रम’ में लाभार्थियों से बात करें, खराब प्रदर्शन करने वाले प्रखंडों एवं पंचायतों की साप्ताहिक समीक्षा करें। अमित कुमार रवि ने कहा कि पटना जिला के द्वारा तरल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में शानदार काम किया जा रहा है। अन्य जिलों में भी पटना मॉडल लागू किया जा सकता है। पटना डिवीजन का चयन करने के लिए आयुक्त ने विभाग के सचिव बालामुरूगन का शुक्रिया अदा किया।