मजदूरों के बच्चे को बिहार सरकार बड़ी सुविधा देने जा रही है। मजदूरों के बच्चे के लिए सरकार आवासीय विद्यालय खोलेगी, जहां नवोदय विद्यालय की तरह पठन-पाठन की सुविधा बच्चों के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी। पहले फेज में भागलपुर, गया, पटना और दरभंगा में ऐसे स्कूल खोलने का प्रस्ताव है। श्रम संसाधन विभाग ने तैयार किए गए प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी और उसे कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए जल्द भेजा जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार प्रमंडल मुख्यालय पर इन आवासीय विद्यालयों की स्थापना होगी।
बता दें कि 3 एकड़ जमीन में स्कूल की स्थापना होगी। उसमें हॉस्टल, खेल मैदान, क्लासरूम और लाइब्रेरी व अन्य दूसरी व्यवस्था होगी। दरभंगा पटना में स्कूल भवन के लिए जमीन की तलाश पूरी हो गई है। अब भू-अर्जन का काम शेष है। प्रस्ताव के अनुसार कैबिनेट की मंजूरी प्रदान होते ही भवन निर्माण के लिए बजट का मौसदा बना कर वित्त विभाग को सौंपा जाएगा। बिहार सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के पैसे से स्कूल भवन का निर्माण होगा।
विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक, मजदूरों के बच्चों के लिए निर्माण होने वाले इन आवासीय विद्यालयों में वर्ग छह से 12वीं तक की पढ़ाई होगी। इन बच्चों की संख्या 800 से अधिक होगी। बालिकाओं के लिए सीटें रिजर्व होंगी।
उधर, बिहार सरकार ने 80 हजार प्रारंभिक स्कूलों, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के बैंक अकाउंट में सालों से डिपाजिट राशि का हिसाब सभी जिलों से 20 जुलाई तक मांगा है। इन स्कूलों के अलग-अलग खाते में विकास मद और छात्र मद की राशि 75 करोड़ रुपए से अधिक रहने का अनुमान है। हाल ही में शिक्षा विभाग से वित्त विभाग में सरकारी स्कूलों के अकाउंट में डिपाजिट राशि का ब्यौरा देने को कहा है।
शिक्षा विभाग के बजट अधिकारी और उप सचिव ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों और मिड डे मील जिले के जिला प्रभारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में प्रारंभिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों के अकाउंट में जमा राशि की जानकारी बुधवार तक उपलब्ध कराएं। ब्योरे में हर स्कूल के बैंक खाते और उसमें जमा राशि की तमाम जानकारी देने को कहा गया है।