31 जनवरी से 2 फरवरी के बीच पटना समेत आठ जिलों के 108 बालू घाटों का फिर से टेंडर जारी किया जाएगा। बता दें कि तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए बिहार राज्य खनन निगम ने पिछला टेंडर को रद्द कर दिया था। इसमें पटना, औरंगाबाद, रोहतास, आरा, लखीसराय, जमुई, गया और छपरा जिले के बालू घाट शामिल हैं। सरकार का उद्देश्य पर्याप्त मात्रा में बालू खनन कर निर्माण कार्यो के लिए बालू की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
खनन विभाग के मुताबिक बुधवार को 108 बालू घाटों का टेंडर जारी किया गया है। 27 जनवरी इसे भरने की आखिरी तारीख है। अलग-अलग निर्धारण के मुताबिक 8 जिलों का टेंडर 31 जनवरी से 2 फरवरी के बीच खुलेगा। मालूम हो कि पहले लगभग 200 बालू घाटों का टेंडर निकल चुका है। सभी बालू घाटों से खनन भी हो रहा है। इसके बाद मार्केट में सामान्य कीमत में बालू उपलब्ध हो रही है।
लगातार अवैध बालू खनन ओवरलोडिंग की शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए अनुमंडल प्रशासन एक्शन मूड में दिखी। मंगलवार को कार्रवाई करते हुए ओवरलोड गाड़ियों को पकड़कर खनन विभाग को सौंपा। पालीगंज एसएसपी अवधेश दिक्षित और एसडीओ मुकेश कुमार ने टीम के साथ सभी घाटों का औचक निरीक्षण किया। कार्रवाई करते हुए 19 ओवरलोड गाड़ियों को जब्त किया। अधिकारियों ने बालू ठेकेदारों को सख्ती से निर्देश का पालन करने की हिदायत दी।
एसएसपी ने जानकारी दी कि महाबलीपुर और जलपुरा बालू घाट के ठेकेदारों को खासकर अल्टीमेटम दी गई है। समझौते के शर्तों का पालन नहीं करने पर घाट बंद कराने की अनुशंसा की जाएगी। वहीं पालीगंज विक्रम और रानी तालाब के बालू घाटों पर बालू ठेकेदारों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। बीते दिनों ही रानी तालाब में 8 विक्रम में सात और दुल्हन बाजार में आठ गाड़ी को ओवरलोडिंग के चलते संयुक्त टीम ने जप्त कर आवश्यक कार्रवाई के लिए खनन विभाग और परिवहन विभाग को भेज दिया है। ( इस आर्टिकल में प्रयोग किए गए चित्र प्रतीकात्मक हैं)