लंबे समय से जमीन अधिग्रहण को लेकर विलंबित चल रहा नेऊरा-दनियावां रेल लाइन परियोजना में अब तीव्र गति से काम हो रहा है। युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है, उम्मीद है कि इसी साल के आखिर तक कार्य पूर्ण हो जाएगा। बताते चलें कि साल 2022 तक रेल लाइन के पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। निर्धारित समय में कार्य पूर्ण हो इसके लिए खुद सीएम नीतीश कुमार में पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था।
रेल लाइन को गति देते हुए पिछले साल बजट में 150 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई थी। संभावना है कि इस साल के बजट में भी पर्याप्त धनराशि मिलेगी। फिलहाल फुलवारीशरीफ क्षेत्र में इस योजना का काम देखा जा सकता है। भारतीय रेल विकास निगम निर्माण कार्य में जुटी हुई है।
भूमि अधिग्रहण में हो रही देरी के चलते लंबे समय से काम प्रभावित था। 16 किमी बरबीघा शेखपुरा रेल लाइन, 25 किमी लंबी बिहारशरीफ बरबीघा रेल लाइन और 38 किमी लंबी दनियावां बिहारशरीफ रेल लाइन का कार्य पूर्ण हो चुका है। अगले चरण में 42.2 किलोमीटर लंबे नेऊरा से जटडुमरी के रास्ते रेल लाइन का काम पूरा करना है। भूमि अधिग्रहण की समस्या खत्म हो गई है ऐसे में रेल लाइन का काम तीव्र गति से चल रहा है।
रेलवे की यह परियोजना कई मायनों में खास है। राजधानी से किउल के बीच ट्रेनों की संख्या ज्यादा रहने के चलते ट्रेनों के समयानुसार और तेज रफ्तार में रुकावट होती है। नेऊरा-दनियावां लाइन शुरू हो जाने के बाद मेन लाइन में काफी हद तक दबाव कम होगा। कई सवारी गाड़ी और माल गाड़ियां इस बाईपास से होकर निकलेगी। जिसे ट्रेनों की रफ्तार बनी रहेगी और समयानुसार यात्री अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच सकेंगे।
बता दें कि नेउरा से शेखपुरा के बीच 123.2 किमी की नई रेल लाइन बिछाने की योजना है इसे तीन चरण में पूरा करना है। पहले फेज में चरण में दनियावां से बिहारशरीफ तक रेल प्रोजेक्ट का काम पूरा हो गया है। तीसरे फेज में जोर-शोर से नेऊरा से दनियावां के बीच रेल लाइन बिछाने का काम जारी है। बताया जा रहा है कि इस योजना में तकरीबन 12000 करोड़ रुपए की बड़ी राशि खर्च हो रही है। उम्मीद है कि इस साल के आखिर तक इस रेलखंड पर ट्रेन दौड़ती नजर आएगी।