आरा जिला के बालू खनन और निर्माण कार्य में जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है। बिहार के सभी बालू घाटों को बालू खनन के लिए मई महीने तक विस्तार मिल गया है। शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी होगी। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले तीन महीने का विस्तार खनन व भूतत्व विभाग मांगी थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद दो महीने ही विस्तार मिला।
बता दें कि पिछले दिसंबर महीने में ही जिले के सभी कंपनियों को बालू घाटों की बंदोबस्ती की गई थी। 31 मार्च की रात 12 बजे तक जिले के 36 बालू घाटों पर खनन की मंजूरी है। खनन विभाग की ओर से विस्तार मिलने के पश्चात इन्हें अगली इंस्टॉलमेंट की राशि जमा करने तक घाटों को बंद करना पड़ सकता है। हर स्थिति में जिले के सभी घाटों से 2 अप्रैल से बालू खनन शुरू हो जाएगा। वर्तमान में 36 घाटों पर बालू खनन जारी है। पिछले एक सप्ताह में चार घाट में मियाद पूरी होने की वजह से बंद कर दिया गया था।
बालू का धंधा कर कई कंपनियां धनवान हो गई है, तो कई कंपनियों को किसी तरह से खर्च निकालना पड़ा है। जिन कंपनियों ने पीछले 3 महीने में ताबड़तोड़ बालू खनन किया है। वाह विस्तार करने को लेकर इच्छुक है। पहली बार बालू खनन में निवेश करने वाली कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कंपनी के मालिक ने बताया कि घाट के विस्तार नहीं कराने का मलाल रहेगा। लेकिन इसमें प्रॉफिट नहीं दिख रहा है। खनन कार्य में उम्मीद के मुताबिक लाभ नहीं मिलने से मायूसी है।
कंपनी के मालिक ने बताया कि जनवरी महीने में ही हमलोगों को बंदोबस्ती का कागज मिल गया था। खनन स्थल पर सड़क और जरूरी संसाधन को सुदृढ़ करने में 20 दिन लग गया। एक ही जगह पर कई कंपनियों को खनन मिलने से बालू बेचने में होड़ मच गई। जिसका नतीजा हुआ कि बालू के रेट गिर गए। जबकि सभी कंपनियां पिछले साल के मुकाबले 20 गुना अधिक राजस्व पर ली है। स्थानीय लोगों के द्वारा अवैध खनन के वजह से बालू की कीमत सही नहीं मिल पाई।