बिहार के शहरी इलाकों में बहुमंजिला बिल्डिंग बनाने को प्रोत्साहित करने के मकसद से नई बिहार बिल्डिंग बाइलॉज को स्वीकृति मिल गई है। इसमें बहुमंजिला इमारतों के निर्माण से जुड़ी तमाम चीजें स्पष्ट कर दी गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक में इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
सूबे के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने जानकारी दी कि नई बाइलॉज से विशेष तौर पर ऊंची इमारतों को बनाने को बढ़ावा मिलेगा तथा कम क्षेत्रफल में शहर की लगातार आबादी की मकान की आवश्यकताओं को पूरा करने में भी इससे सहायता मिलेगी। बहुमंजिला भवन के निर्माण के कड़ी में निर्माण कैंपस में खुले जगह में वृद्धि लाने, ग्रीन एरिया की बेहतर सुविधाओं के नजरिए से 19 मीटर से ऊपर की ऊंचाई के भवनों के लिए ग्राउंड कवरेज मैक्सिमम 40 रखा गया है। बहुमंजिला भवनों को प्रोत्साहित करने के मकसद से 40 फीट एवं उससे ज्यादा चौड़ी सड़क पर इस उपविधि में प्रावधानित अन्य नियमों के तहत ऊंचाई का रोक नहीं रहेगा।
उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 25 फीट चौड़ी सड़क पर जी प्लस 4 अधिकतम ऊंचाई 16 मीटर के भवन की अनुमति का नियम रहेगा। 30 फीट चौड़ी सड़क पर जी प्लस 5 अधिकतम ऊंचाई 18 मीटर के पहले के प्रावधानों में बदलाव करते हुए 30 फीट चौड़ी सड़क के पास ‘जी’ प्लस 6 की अधिकतम ऊंचाई 22 मीटर के भवन बनाने की इजाजत रहेगी। साल ही गंगा एवं अन्य नदियों के किनारे निर्माण पर प्रतिबंध से जुड़े प्रावधानों में भी जरूरी संशोधन किए गए हैं।
बता दें कि नए प्रावधान में अपार्टमेंट, प्राधिकार, भवन ऊंचाई, फर्श क्षेत्र अनुपात (एफएआर), विरासित प्रक्षेत्र, प्राचीर, मिश्रित भूमि उपयोग, बिल्डर्स, रजिस्ट्रीकृत वास्तुविद्, अभियंता, सड़क चौड़ाई एवं सर्विस फ्लोर इत्यादि बिंदुओं के परिभाषाओं में पार्दिशता लाने के लिए बिहार भवन उपविधि-2014 में संशोधन हुआ है। इसके अलावा भारत सरकार के मॉडल बिल्डिंग बायलॉज 2016 के संबंध में कुछ चीजें जैसे- बिल्डिंग एनवेलप, व्यक्ति, भूमि/परिसरों का अहम इस्तेमाल, केबिन, लिफ्ट, लॉबी, प्रतिषिद्ध क्षेत्र, लेआउट संरक्षित स्मारक, विनियमित सेक्टर एवं साइट प्लान को जोड़ा गया है।