खेतों की सिंचाई के लिए पानी हर खेत तक पहुंचाने के लिए बिहार में 800 चेक डैम और 21 हजार नए नलकूप लगाए जाएंगे। साथ ही खेतों तक पानी पहुँचाने के लिए लगभग ढाई हजार नए पइन की उड़ाही की जाएगी। बिहार में जो 800 चेक डैम बनाए जाने हैं बे छोटी नदियों तथा अन्य जलस्रोतों पर बनाए जाएंगे। सुबह के उत्तरी क्षेत्र के लिए डेढ़ हजार लिफ्ट इरिगेशन की व्यवस्था होगी।
‘हर खेत को पानी’ के तहत इस योजना को चलाया जा रहा है। और इस योजना का कार्य लघु जल संसाधन विभाग को सौंपा गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार ने विभाग को मात्र 100 करोड रुपए दिए हैं, इस राशि से इस योजना का जितना कार्य संभव हो पाएगा इस वर्ष पूरा किया जाएगा। बची हुई योजना पर कार्य अगले वित्तीय वर्ष में किया जाएगा लघु जल संसाधन विभाग में इस योजना को लेकर डीपीआर तैयार कर ली है। जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा।
छोटे नदियों और जल स्रोतों पर चेक डैम बनाने के लिए तकनीकी सर्वे का कार्य इसी साल मई तक पूरा करना था पर कोरोना के प्रभाव के कारण सर्वे के काम मे देरी हो गई। पहले सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 11 लाख 20 हजार 988 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि सिंचाई से वंचित है। इन खेतों में काम करने वाले 38 लाख 83 हजार किसानों ने बोरवेल की मांग की है इनमें से 20 लाख 57 हजार बिजली से चलने वाले सिंचाई यंत्रों की मांग की है। तकनीकी सर्वे के आधार पर दूसरी संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। किसान और अधिकारियों के बीच हुई बैठक के आधार पर इस योजनाएं अंतिम रूप से स्वीकृत होती जा रही हैं। इस योजना विभागीय स्तर पर कार्य शुरू कर दिया गया है।
इस योजना के तकनीकी सर्वे का अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी जैसे-जैसे काम आगे बढ़ रहा है सरकार किसानों की मांगों के अनुसार योजनाएं बना रही है। कृषि विभाग ने इस योजना के लिए प्लॉट टू प्लॉट सर्वे कराया। तकनीकी सर्वे के लिए 534 टीमों को प्रखंड स्तर पर उतारा गया। कृषि विभाग द्वारा किये गये सर्वे की पूरी रिपोर्ट तकनीकी सर्वे करने वाले अधिकारियों को सौंपी गई है, इस रिपोर्ट में किसानों की सलाह को भी शामिल किया गया है। तकनीकी टीम इस बात का भी अवलोकन करेगी कि किसानों की सलाह कितनी सही है।