बिहार में नए इको टूरिज्म स्पॉट बनाए जाएंगे। विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने वन एवं पर्यावरण मामले को मंत्री तेजप्रताप यादव को नया टास्क दिया है। सीएम ने कहा कि बिहार में वन आवरण में वृद्धि होकर 15 फ़ीसदी तक पहुंच गया है। इसे 17 फ़ीसदी तक पहुंचाने के लिए व्यापक पैमाने पर पौधरोपण का काम किया जाए। साथ ही इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नए जगहों को चिन्हित किया जाए। सीएम ने कहा कि टूरिज्म के विकास से प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या व स्थानीय लोगों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की बैठक में अफसरों को निर्देश देते हुए कहा कि बिहार में जितने भी पर्यटन स्थल विकसित किए गए हैं, उसके अलावा अन्य जगहों का चयन करें। साथ ही उसे टूरिस्ट पैलेस के तौर पर विकसित के लिए काम करें। सीएम ने अफसरों को कहा कि प्रकृति से सामंजस रखते हुए टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। टूरिस्ट पैलेस तक की रोड के मेंटेनेंस का खास ख्याल रखें।
सीएम ने कहा कि बिहार से झारखंड का अभिवादन होने के बाद प्रदेश का हरित आवरण क्षेत्र 9 फ़ीसदी रह गया था। साल 2012 में हरियाली अभियान की शुरुआत हुई। 24 करोड़ पौधारोपण का टारगेट रखा गया, जिसमें 22 करोड़ पौधे लगे। पौधारोपण किए जाने से प्रदेश का हरित आवरण क्षेत्र में बढ़ोतरी होकर 15 फ़ीसदी तक पहुंच गया है। साल 2019 में जल जीवन हरियाली मुहिम की शुरुआत की गई।
इसमें तमाम जिलों में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण का टारगेट रखा गया। गया, राजगीर और अन्य पर्वतीय इलाकों में पौधारोपण के लिए बीज डाला गया जिसमें पौधों की संख्या बढ़ी है। सीएम ने कहा कि बाल्मीकि नगर और राजगीर पर्यटकों को खूब आकर्षित कर रहा है। टूरिस्ट पैलेस तक पहुंचने के लिए आवाजाही को आसान बनाया गया है तथा उनकी सुविधाओं का बेहतर प्रबंध किया गया है।