बिहार की राजस्व व्यवस्था हासिये पर है। कर्मचारी से लेकर राज्य स्तर तक के अधिकारियों के कामों पर सवाल उठते रहे हैं। ऑटोमेटिक म्यूटेशन प्रक्रिया के प्रभावी होने से दाखिल खारिज की प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी। इसको लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।
राज्य में दाखिल खारिज की प्रक्रिया बहुत ही जटिल है। इसको कराने में लोगों को काफी परेशानी होती है, लेकिन इस ऑटोमेटिक प्रक्रिया के प्रभावी होने से लोग रजिस्ट्री के समय ही दाखिल खारिज की प्रक्रिया करा लेंगे। जिससे लोगों को काफी सुविधा होगी।
बता दें कि राज्य सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। इसके तहत लोग जमीन रजिस्ट्री के दौरान ही ऑटोमैटिक म्यूटेशन का आवेदन फाॅर्म भरेंगे। जिसके बाद कुछ चरणों में स्वत: दाखिल खारीज हो जाएगी। कातिब की जवाबदेही को लेकर भी चर्चा चल रही है, किसी तरह के गलत गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर कातिल का लाइसेंस खत्म करने की भी बात सामने आ रही है।
भूमि सुधार विभागर मंत्री रामसूरत राय व अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इसको लेकर विस्तार से विचार-विमर्श किया है। इस नीति के लागू होने से लोगों को बेहद फायदा होगा, जहां अभी लोगों को दाखिल खारिज की प्रक्रिया के लिए कर्मचारी से लेकर अधिकारियों तक के चक्कर काटने पड़ते हैं। वही पैसे भी ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं, जिसके बाद इन सबों से निजात मिलेगा।