लाइसेंस बनाने के नियमों में परिवहन विभाग ने बदलाव कर दिया है। अब जिस जिले में लर्निंग लाइसेंस बनेगा, वहीं से स्थाई लाइसेंस भी बनाया जाएगा। दूसरे जिले में स्थाई लाइसेंस बनाने का विकल्प खत्म कर दिया गया है। परिवहन विभाग में इस बाबत सभी जिलों के जिला परिवहन अधिकारी को आवश्यक व्यवस्था करने का दिशा निर्देश दिया है।
बता दें कि अब तक परिवहन विभाग की वेबसाइट पर लर्निंग लाइसेंस बनाने के बाद किसी भी जिले से लोग स्थाई लाइसेंस बना लेते थे। जिन जिलों में ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट अनिवार्य है। लोग वहां से लर्निंग लाइसेंस बना कर दूसरे जिलों में जाकर बिना टेस्ट दिया ही स्थाई लाइसेंस हासिल कर लेते थे। परिवहन विभाग ने सभी जिलों के डीटीओ और एमवीआई को पत्र लिखकर कहा है कि बान दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से सड़क सुरक्षा के संबंध में इस तरह की पहल की जा रही है।
सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा करने पर तमाम चीजों के साथ इस चीज को भी ध्यान में लाया गया है। गाड़ी चालकों का पूर्ण रूप से प्रशिक्षित नहीं होना भी दुर्घटना का मुख्य कारण है। इसी के मद्देनजर सभी जिलों में भारी संख्या में मोटर वाहन प्रशिक्षण संस्थान खोले जाने की दिशा में पहल किया जाए। मानक रूप से संस्थान को प्रारंभ करने की बात कही गई है। बिना निबंधन के ड्राइविंग स्कूल पर सरकार शिकंजा कसने के मूड में हैं। बिना निबंधन वाले ड्राइविंग स्कूलों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।