आने वाले 100 घंटे यानी 4 दिनों तक पूरे बिहार में सर्दी का सितम जारी रहेगा। राज्य के अधिकांश हिस्सों में पछुआ हवा प्रभाव से न्यूनतम और अधिकतम पारा और भी नीचे गिरेगा। बिहार के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में सामान्य रूप से मध्यम और घने कोहरे की चादर ओढ़े रहेगा। मंगलवार के दिन भी पूरे राज्य में लोग ठंड से ठिठुरते हुए दिखे। हिमालय की बर्फबारी और पछुआ हवा ने गंगा के मैदानी इलाकों में ठिठुरन और भी बढ़ा दी है।
मंगलवार को राजधानी समेत पूरे बिहार में कोहरा छाया रहा। धूप दोपहर दो बजे के बाद निकली। सोमवार और मंगलवार को रात में कोहरे की चादर अचानक फैलने से लोग आश्चर्यचकित दिखे। सुबह के समय राज्य में दृश्यता औसतन 100 मीटर रही। यानी कड़ाके की ठंड ने लोगों को मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
पांच किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा ने लोगों के हाथ पैरों में गलाव का अनुभव कराया। स्थिति यह हो गया कि तमाम सुविधाओं के बाद भी लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। कड़ाके की ठंड से गरीब वर्ग के लोगों की ज्यादा मुश्किलें बड़ी है। शहरों में फुटपाथ या पुलों के नीचे रहने वाले लोग के लिए यह मुश्किल भरा वक्त है। मंगलवार को दोपहर के बाद धूप खिलने में लोग खुले स्थानों पर धूप सेकते हुए दिखाई दिए।
गेहूं के फसल के लिए कोहरे का दौर लाभदायक साबित हो रहा है। कोहरे में शामिल ओस की बूंदों से गेहूं के दाने अच्छी तरह से फूटते हैं। कोहरे ना रहने के कारण दाने स्वस्थ नहीं रह पाते हैं। स्थानीय भाषा में कहें तो गेहूं में गप्पा अच्छी तरह से पनप जाता है। पूसा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानिक डॉ गुलाब सिंह कहते हैं कि आलू में झुलसा रोग की आशंका भी बढ़ जाती है।