बिहार सरकार ने जमीन रजिस्ट्री को लेकर बड़ा बदलाव किया है। जमीन रजिस्ट्री में कातिब की भूमिका को नीतीश सरकार ने खत्म कर दिया है। अब जमीन खरीद-बेचने वाले लोग खुद मॉडल डीड भरकर रजिस्ट्री करा सकेंगे। जमीन की रजिस्ट्री में रजिस्ट्री कार्यालय में कातिब की भूमिका अब समाप्त होगी। प्रदेश के 125 निबंधन दफ्तरों में 20 प्रतिशत रजिस्ट्री मॉडल डेट से करना अनिवार्य है। भविष्य में इसे बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की तैयारी है। इससे जमीन या फिर किसी अन्य प्रकार की संपत्ति की रजिस्ट्री करवाने में लोगों को सुविधा होगी।
आम लोगों की सुविधा के मद्देनजर सरकार के द्वारा निबंधन विभाग की वेबसाइट http:nibandhan.bihar. gov.in/modeldeed उर्दू, अंग्रेजी और हिंदी में मॉडल डीड अपलोड किया गया है। इसको डाउनलोड करने के बाद कोई भी आसानी से भर सकता है। यानी आप जमीन रजिस्ट्री कराने में कातिब का चक्कर नहीं लगाना होगा।
रजिस्ट्री के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से और उनके सहयोग के लिए निबंधन दफ्तरों में हेल्प काउंटर खोला गया है। विभाग के द्वारा मॉडल डीड पर रजिस्ट्री हेतु काफी संख्या में कंप्यूटर और जरूरी सामान उपलब्ध कराए गए हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देने के मकसद से स्टांप ड्यूटी की राशि में एक प्रतिशत या अधिकतम दो हजार रिबेट जाती है।
सरकार के इस निर्णय पर कातिब संघ को आपत्ति है। वे इसका विरोध कर रहे हैं। बिहार दस्तावेज नवीन संघ के चेयरमैन उदय कुमार सिन्हा बताते हैं कि मॉडल डीड पर रजिस्ट्री करवाने शुरू होने से दलाली बढ़ेगी। अभी रजिस्ट्री के लिए डीड लिखने वालों को कागजात पर सिग्नेचर व लाइसेंस नंबर करना होता है।
बाद में रजिस्ट्री किसी तरह की गड़बड़झाला होती है उन्हें पकड़ा जा सकता है। सरकार इस मुद्दे पर अलग सोचती है। सरकार का कहना है कि मॉडल डीड पर रजिस्ट्री करवाने से समय और पैसा दोनों का बचत लोगों को होगा। अपनी सुविधा के मुताबिक लोग डीड भर कर निबंधन और स्टांप शुल्क जमा कर सकते हैं। निबंधन दफ्तर में कतार में खड़े होने की नौबत नहीं आएगी।