बिहार विधानसभा में बीते दिन नाम के साथ ही जमीन का नक्शा बदलने वाला बिहार भूमि दाखिल-खारिज संशोधन विधेयक 2021 बहुमत से पारित हो गया है। भूमि विवाद को जड़ से खत्म करने और जमीन की पहचान साफ सुथरा रखने के लिए बिहार सरकार ने पुराने राजस्व संबंधी नियमों में नौ संशोधन कर इस बिल को सोमवार के दिन सदन में पेश किया था। विपक्ष के विरोध और कुछ सुझावों को नजरंदाज करते हुए सत्तापक्ष ने विधानसभा में ध्वनि मत से इसे पारित कर दिया है।
इस विधेयक के लागू होने के बाद लोगों को रोजगार मिलने की भी संभावना है। नई व्यवस्था में जमीन के दस्तावेज में नाम परिवर्तन के साथ प्लाट का नक्शा यानि फोटो रहेगा साथ ही, खाता, खेसरा और रकबा भी फोटो में होगा। इस व्यवस्था से जमीन के छोटे हिस्से की खरीद-बिक्री से भी चौहद्दी अपडेट होती रहेगी। विधेयक के बारे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री रामसूरत राय ने बताया कि जमीन की खरीद-बिक्री के दौरान धोखाधड़ी नहीं होगी। फर्जी विक्रेताओं पर अंकुश लगेगा। मूल रुप से नक्शा का भी म्यूटेशन होगा।
राजस्व मंत्री ने कहा कि इस कार्य योजना के तहत सभी प्रखंड मुख्यालयों में सर्वे राजस्व नक्शा को सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल फार्म में तैयार किया जाएगा। भूखंड का नक्शा बनाने के लिए राजस्व विभाग जिला स्तर पर सिविल इंजीनियरों की पैनल बनाएगी। समयानुसार सरकार ही इंजीनियरों की संख्या निर्धारित करेगी। इंजीनियर के सेवा शुल्क का निर्धारण सरकार के हाथों में ही होगी। बता दें कि नए विधेयक के लागू होने से जमीन के रजिस्ट्री के दौरान यह साफ तौर पर मालूम हो जाएगा कि जमीन किस हिस्से की बिक्री हुई है।