अगर आप बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री करने के लिए सोच रहे हैं, तो आपके लिए काफी अच्छी खबर है। आप चाहते हैं कि जमीन की रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्री दफ्तर से जाने और रजिस्ट्री के बाद घर पहुंचाने के लिए रजिस्ट्री दफ्तर से गाड़ी की सुविधा मिले, तो ऐसा अब संभव हो सकेगा। सरकार रजिस्ट्री दफ्तर से लोगों के लिए गाड़ी की सुविधा देगी। गाड़ी से संबंधित लोगों को रजिस्ट्री दफ्तर और फिर रजिस्ट्री होने के पश्चात उन्हें घर तक पहुंचाने की सुविधा होगी। यह सुविधा उन्हें ही मिल सकेगा, जो मॉडल डीड मतलब ऑनलाइन रजिस्ट्री करायेंगे।
ऑनलाइन रजिस्ट्री की प्रक्रिया ज्यादा से ज्यादा एक से डेढ़ घंटे में पूरी हो जाती है और निबंधित डॉक्यूमेंट भी लोगों को साथ ही मिल जाता है। लोगों को गाड़ी की सुविधा देने का मूल मकसद यह है कि लोगों को दलालों से बचाया जा सके और ऑनलाइन रजिस्ट्री की ओर लोगों का ध्यान बढ़ाया जा सके, ताकि डीड राइटर की फीस सहित कई अन्य फिजूल के खर्चे से उन्हें बचाया जा सके।
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सहायक निबंधक महानिरीक्षक मनोज कुमार संजय ने इस बाबत जिला अवर निबंधक को लेटर भेजा है। कागजात निबंधन कराने के लिए पक्षकार और अन्य संबंधित को निबंधन दफ्तर जाने के लिए गाड़ी की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
गाड़ी की सेवा को ‘रजिस्ट्री शटल’ नाम से शुरू किया जायेगा। सभी निबंधन पदाधिकारी अपने दफ्तर में होनेवाले कागजातों के निबंधन के मुताबिक गाड़ी की संख्या तय करेंगे। रजिस्ट्री शटल वाहन की सुविधा के लिए फिलहाल किसी भी तरह का शुल्क पक्षकारों से नहीं लेना है। जिला स्कोर निधि से रजिस्ट्री शटल गाड़ी के किराये का भुगतान किया जायेगा। हर वाहन में रोस्टर के मुताबिक एक-एक कंप्यूटर ऑपरेटर और एमटीएस को प्रतिनियुक्ति किया जाएगा। रजिस्ट्री शटल वाहन को 19 सितंबर से बहाल किया जाएगा। इससे पूर्व विभाग ने गाड़ी को चलने का रूट एवं स्टॉपेज का निर्धारण कर सूचित करने का आदेश दिया है।