बिहार में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 2600 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई जाएंगी। इसका प्रस्ताव ग्रामीण कार्य विभाग ने केंद्र सरकार को भेज दिया है। ये सड़कें पीएमजीएसवाई के तीसरे फेज के तहत बनाई जाएगी। केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई के तीसरे फेज में बिहार के लिए 6162 किमी सड़कों की स्वीकृति पहले ही दे रखी है। केंद्र सरकार ने इनमें से पहले फेज में 1390 किमी सड़क निर्माण की स्वीकृति दी थी।
हाल ही में भारत सरकार ने दूसरे फेज में 2172 किमी सड़कों के निर्माण की स्वीकृति दी है। बाकी 2600 किमी सड़कों का प्रस्ताव आभी सौंपना बाकी था। केंद्र सरकार को ग्रामीण कार्य विभाग ने ऑनलाइन प्रस्ताव भेज दिया है। उन सड़कों के संबंध में भारत सरकार ने जरुरी जानकारी मांगी थी। राज्य सरकार के द्वारा उसका जवाब ऑनलाइन ही दे दिया गया है। अब केवल औपचारिक स्वीकृति मिलना शेष है।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक भारत सरकार को सड़कों के निर्माण हेतु 1800 करोड़ की स्वीकृति देनी होगी। सड़क निर्माण में होने वाले खर्च राशि में 60 प्रतिशत केंद्र सरकार जबकि राज्य सरकार के द्वारा 40 प्रतिशत राशि वहन किया जाएगा। इस तरह टोटल राशि में 720 करोड़ राज्य सरकार को खर्च करना है, जबकि केंद्र सरकार से 1080 करोड़ मिलेगा। हालांकि, अगर पीएमजीएसवाई में 75 मीटर से लंबा पुल हो तो उसके निर्माण हेतु केंद्र सरकार से राशि नहीं मिलेगा।
इन पुलों के 5 वर्ष के मेंटेनेंस फंड में केंद्र सरकार से राशि नहीं मिलेगी। इसके चलते पीएमजीएसवाई में प्रदेश सरकार आधी-आधी राशि खर्च करती है। इस पर बिहार ने आपत्ति व्यक्त करते हुए सड़क और पुल निर्माण में 60 प्रतिशत राशि की मांग की है। केंद्र सरकार से औपचारिक स्वीकृति मिलते ही ग्रामीण कार्य विभाग से इसकी प्रशासनिक स्वीकृति दी जाएगी। इसके बाद निविदा होगा और फिर निर्माण का काम शुरू होगा।