बिहार सरकार ने फैसला लिया है कि जल्द ही ग्राम सचिव के 1000 से अधिक रिक्त पदों को भरा जाएगा। साथ ही ग्राम कचहरी में कार्यरत लगभग 7000 सचिवों की कार्य अवधि में विस्तार की जाएगी। शनिवार को पंचायती राज विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। राज्य सरकार के पंचायती राज मंत्री समाचार नहीं है इस बारे में बताया है कि विभागीय फैसले से सभी जिले के डीएम और जिला पंचायती राज अधिकारियों को कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।
सूत्र के मुताबिक पंचायत चुनाव के बाद सभी ग्राम कचहरियों का नए सिरे से गठन कर दिया गया है। इनमें पूर्व से सेवा दे रहे सचिव ही आगे का कर्तव्य निभाएंगे। सम्राट चौधरी ने जानकारी दी कि जिन ग्राम कचहरी में सचिव का पद खाली है वहां बिहार ग्राम कचहरी सचिव नियोजन सेवा शर्त एवं कर्तव्य नियमावली 2014 के अनुरूप नए सिरे से नियोजन का रिक्त पदों को भरा जाएगा।
मंत्री ने कहा कि किसी पंचायत क्षेत्र के नगर पालिका में जाने की वजह से ग्राम कचहरी का अस्तित्व खत्म हो गया है, वहां ग्राम कचहरी में काम कर रहे सचिवों की कार्य अवधि खत्म समझा जाएगा। ऐसे कर्मियों को नए नियोजन के दौरान वेटेज के आधार पर लाभ दिया जाएगा। बता दें कि फिलहाल ग्राम कचहरी सचिव को 6000 रुपए तनख़ाह मिलता है।
नियम कहता है कि ग्राम कचहरी के कार्यकाल तक कचहरी सचिव का चयन होता है। नई कचहरी गठित हो जाने के बाद सचिव और संविदा खुद ही खत्म हो जाती है। नीतीश सरकार चाहे तो नई कचहरी के लिए पूर्व से काम कर रहे सचिवों को सेवा विस्तार भी कर सकती है इसी के मुताबिक यह आदेश जारी किया गया। विभाग में 8067 कार्यपालक सहायकों की बहाली के लिए प्रस्ताव बना लिया है। प्रस्ताव पर वित्त विभाग में लगा देती है, तो कैबिनेट से मंजूरी मिलने की तैयारी शुरू होगी फिर इन पदों पर बहाली होगी।