अब बिहार में भारत सरकार का प्रतिष्ठित राष्ट्रीय खाद्य तकनीक उद्यमिता एवं प्रबंध संस्थान स्थापित किया जाएगा। भारत सरकार से आग्रह करने के बाद बिहार सरकार ने पटना से मुजफ्फरपुर के बीच के निर्माण के लिए 100 एकड़ जमीन की खोज शुरू कर दी है। इसी साल इसे शुरू होने की संभावना है। इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और हाजीपुर से सांसद व केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस के बीच राष्ट्रीय खाद्य तकनीक उद्यमिता एवं प्रबंध संस्थान की स्थापना के लिए बातचीत हो गया है।
भारत सरकार का तीसरा राष्ट्रीय खाद्य तकनीकों देवता एवं प्रबंध संस्थान बिहार में होगा। देश में हरियाणा के सोनीपत और तमिलनाडु के तंजावुर में है। पहली दफा पूर्वी भारत में इस तरह की रूपरेखा पर जोर दिया जा रहा है। इसके बनने से बिहार के साथ ही पड़ोसी राज्य झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लोगों को फायदा मिलने वाला है। 3 जनवरी को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन कर रही है इस अवसर पर विश्वविद्यालय के स्थापना के लिए ऐलान किया जा सकता है।
राष्ट्रीय खाद्य तकनीक उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान में टेक्नोक्रेट से लेकर उद्यमी तक तैयार करने के लिए सिलेब्स संचालित किया जाएगा। यहां खाद्य प्रसंस्करण तकनीक में बीटेक, एमटेक, एमबीए और पीएचडी की पढ़ाई की व्यवस्था होगी। उधमिता और तकनीक के इंडस्ट्री में भविष्य बनाने की सोच रहे युवाओं को काफी फायदा होने वाला है।
जुलाई 2021 में राष्ट्रीय खाद तकनीक उद्यमिता एवं प्रबंध संस्थान विधेयक संसद सत्र में ही पारित हो चुका है। विधेयक के माध्यम से बिहार और असम में इस संस्थान की स्थापना को मंजूरी मिली है। जिसे अब जमीनी रूप से लागू करने पर काम हो रहा है।क् इसके लिए बजट आवंटन प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। जल्द ही केंद्रीय मंत्री परिषद की मंजूरी मिलते ही आगे का काम शुरू हो जाएगा।
बनने वाला नया संस्थान बिहार के मखाना, लीची, केला और सिंघारा के विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। इसके स्थापना से राज्य के फसलों, फलों और वनस्पतियों पर आधारित नए उत्पाद की विकास की अपार संभावनाएं खुलेगी। वैश्विक गुणवत्ता मानकों के आधार पर इन्हें तैयार करने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ेगी जिससे किसानों को फायदा होगा।