जमीन और संपत्ति का बंटवारा वाद विवाद का प्रमुख कारण रहा है। इसके चलते न्यायालय में दीवानी और अपराधी दोनों ही तरह के मुकदमें होते हैं। नीतीश सरकार बिहार में संपत्ति बंटवारे की प्रक्रिया में विवाद खत्म करने को लेकर कई बदलाव करने के मूड में है। राज्य सरकार के भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने बिहार विधानसभा में शुक्रवार को कहा कि बटवारा संबंधी कानून में बदलाव की तैयारी सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि बंटवारा संबंधी विवाद के मद्देनजर सरकार कानून में बदलाव लाने पर मंथन कर रही है। हिस्सेदारों के बीच आपसी सहमति के बाद भी बंटवारा नहीं होता है, तो बाजार मूल्य के हिसाब से बंटवारा किया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि कानून बनाकर इस तरह से बटवारा करने का अधिकार डीसीएलआर को दे दिया जाएगा। ऑनलाइन सेवाओं का लाभ रैयतों को मिल रहा है। म्यूटेशन, अपील, लगान, एलपीसी और जमाबंदी में सुधार के लिए बनाए गए परिमार्जन पोर्टल के माध्यम से कम समय में समस्याओं का निवारण हो रहा है। मंत्री ने कहा कि 144 करोड़ की राशि केंद्र से जमीन के डिजिटाइजेशन के लिए मिले हैं।
ऑनलाइन सेवाओं के शुरू हो जाने के बाद से आवेदनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। ऑनलाइन रसीद कटाने में इजाफा हुआ है। रामसूरत राय ने कहा कि समय सीमा के तहत सभी सेवाओं को किया गया है। विलंब होने पर संबंधित अफसरों को जवाब देना पड़ता है। उन्होंने जानकारी दी कि जिनके नाम से जमाबंदी कायम है, उनके नाम से एक अप्रैल से अपने आप दाखिल खारिज हो जाएगा। इससे विवाद ना के बराबर होगा और अधिक पारदर्शिता से बटवारा हो सकेगा।