बिहार में बालू किल्लत की समस्या खत्म होती नहीं दिख रही है। राज्य में बालू खनन की जिम्मेदारी खनन विभाग के पदाधिकारियों को सौंपा गया है लेकिन अब तक खनन के लिए टेंडर भी जारी नहीं हो सका है। जिसके चलते राज्य में बालू की समस्या और बढ़ने वाली है। राज्य सरकार में खनन विभाग के मंत्री जनक राम ने बताया कि बालू के अवैध खनन पर रोक लगा दिया है। सूबे के 8 जिलों में बालू खनन के लिए अधिकारियों के साथ बैठक कर इस निष्कर्ष निकाला जाएगा तब बालू खनन को हरी झंडी मिलेगी।
एनजीटी द्वारा बालू खनन पर लगाया गया रोक 30 सितंबर को ही खत्म हो गया था। लेकिन अब तक बालू खनन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। राज्य के 8 जिलों में पटना, भोजपुर, गया, सारण औरंगाबाद, जमुई, रोहतास और लक्खीसराय जिले में बालू खनन पर एनजीटी के निर्देश के बाद सरकार ने रोक लगा दी है। सूबे के नवादा, अरवल, बांका, पश्चिम चंपारण, मधेपुरा, किशनगंज, वैशाली और बक्सर में बालू खनन पर मंजूरी मिलने के बाद भी टेंडर जारी नहीं हो सका है जिसके चलते राज्य में बालू खनन की समस्या आने वाले समय में और बढ़ने वाली है।
बता दें कि राज्य के लोगों को काफी लंबे समय से बालू किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में बालू के अवैध खनन पर सरकार ने पूरी तरह रोक लगा रखी है। अवैध खनन के गतिविधियों में शामिल बालू माफियाओं पर सख्त कार्रवाई का आदेश बिहार सरकार ने अधिकारियों को दे रखा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समय-समय पर इसका जायजा लेते रहते हैं।