नीतीश सरकार कारोबारियों का पूरी तरह मेहरबान है। राज्य सरकार ने बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के तहत इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन के रेट निर्धारित कर दिए हैं। नीतीश कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में 54 औद्योगिक इलाकों में जमीन के लीज 20 से 80 प्रतिशत तक छूट देने की घोषणा की गई। सरकार ने कहा कि इससे राज्य में उद्योग लगाने वाले निवेशकों को सुविधा होगी। निवेशकों को कम लागत पर जमीन उपलब्ध हो पाएगा। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल प्रदेश में 74 औद्योगिक क्षेत्र संचालित हो रहे हैं। 2900 एकड़ जमीन चीनी मिलों की इंडस्ट्रियल एरिया के तौर पर विकसित के लिए बियाडा को स्थानांतरण किया गया है।
खबर के मुताबिक, सरकार ने राज्य के जिन जिलों में जमीन की लीज पर 80 प्रतिशत छूट दी है उसमें सीवान के न्यू सीवान फेज एक और दो, गोपालगंज के हथुआ फेज एक और दो। इसके अलावा रोहतास के बिक्रमगंज का इलाका, बक्सर का डुमराव, औरंगाबाद, गया के गुरारू, मुंगेर के जमालपुर एवं मुंगेर क्षेत्र, मधुबनी के झंझारपुर, पश्चिम चंपारण के रामनगर, मधेपुरा का मुरलीगंज और उदाकिशुनंगज। इसके अलावा सहरसा का सहरसा क्षेत्र एवं नालंदा का बिहारशरीफ क्षेत्र है, जहां उद्यमियों को 80 फीसदी तक छूट मिलेगी।
बिहार सरकार ने 60 प्रतिशत जमीन की लीज पर छूट देने का ऐलान किया है उसमें पश्चिम चंपारण का बेतिया, भोजपुर का बिहिया, रोहतास का डेहरी, जहानाबाद, सीवान, बिहटा, मधुबनी का सकरी, सीतामढ़ी, कटिहार, किशनगंज का खगरा और दरभंगा का धरमपुर क्षेत्र है। इसके अलावा पूर्णिया का बनमनखी, भागलपुर का बरारी, दरभंगा का बेला और दोनार, पूर्णिया सिटी, वैशाली का हाजीपुर, पूर्वी चंपारण का रक्सौल, बक्सर, बारूण, लखीसराय और औरंगाबाद में 40 प्रतिशत तक छूट मिलेगी।
वहीं, पूर्णिया के मरंगा, मधुबनी के लौहट फेज एक, दो और तीन, अररिया का फारबिसगंज, पूर्वी चंपारण का सुगौली, वैशाली का गोरौल फेज एक और दो, मुजफ्फरपुर और कोररा, हाजीपुर, पटना का फतुहा, बक्सर का नवानगर, मुंगेर जिले का सीताकुंड, पाटलिपुत्र, नवादा का वारसलीगंज और खगड़िया का खगड़िया औद्योगिक केंद्र की जमीन पर 20 प्रतिशत छूट मिलेगी।
राज्य के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने सीएम नीतीश कुमार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि बिहार में अब उद्योग-धंधे स्थापित करना काफी सस्ता हो गया है। प्रदेश के 54 औद्योगिक इलाकों की जमीन की कीमत 20 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत तक कम कर दी गई है। राज्य सरकार का फैसला प्रदेश के औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने की दिशा काफी बड़ा कदम है।