मंगलवार को बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बीते एक वर्ष में राज्य में 60 औद्योगिक प्लांटों की स्थापना के लिए कुल 350.52 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। मंत्री ने कहा कि बिहार में ना तो उद्योगों की कमी है और ना ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कोशिशों की। सदन में सवालों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी बहुत सारी उद्योगपति बिहार में जमीन की तलाश में जुटे हुए हैं और जमीन की कमी हो रही है।
नीरज कुमार के सवाल का जवाब देते हुए सदन में उद्योग मंत्री हुसैन ने कहा कि राज्य में मौजूदा इंडस्ट्रियल पार्क्स में भी जो पुरानी जमीनें खाली हो रही है, जमीनों की बढ़ती डिमांड के कारण अन्य राज्यों की तरह उनका भी पुन: मांग निविदा आमंत्रित करने पर मंथन किया जा रहा है। सदस्य सर्वेश कुमार द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए हुसैन ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के अगुवाई में उद्योग क्षेत्र में बड़ी उम्मीदें हैं और इसके लिए भी बड़े रिफॉर्म तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगों को लेकर बिहार में माहौल बदला है।
उद्योगों के लिए जमीन की कमी पूरा करने के लिए 27 नंवबर 2021 को BIADA Private Land Purchase Policy भी लाई गई है जिसके तहत प्राइवेट जमीनें भी अधिकतम एग्रिकल्चर सर्किल रेट पर उद्योग के लिए दी जा सकती है।
आज बिहार विधान परिषद में मा. सदस्य श्री नीरज कुमार जी के प्रश्न का उत्तर दिया
— Syed Shahnawaz Hussain (@ShahnawazBJP) March 8, 2022
हुसैन ने कहा कि जब हमने बिहार इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति अपनाई तो टोटल 151 इथेनॉल उत्पादन प्लांटों की स्थापना के लिए निवेश प्रस्ताव आए जो 172 करोड़ लीटर सालाना ईथेनॉल उत्पादन के लिए था, लेकिन केंद्र से इथेनॉल का कोटा सिर्फ 36 करोड़ का ही मिला। इस वजह से पहले चरण में सिर्फ 17 इथेनॉल उत्पादन ईकाईयां ही स्थापित हो पा रही हैं।
बता दें कि 17 इथेनॉल प्लांटों में से 4 पूरी तरह बनकर तैयार है और प्रोडक्शन को लेकर ट्रायल रन जारी है। मंत्री ने कहा कि बिहार में 30 लाख मैट्रिक टन मक्का का उत्पादन होता है। किसानों की आमदनी बढ़ाने में इथेनॉल उद्योग कारगर साबित होगा। टेक्सटाइल व अन्य इंडस्ट्री में भी उद्योग को तेजी से बढ़ाने के मकसद से सरकार ने प्लान बनाया है। उद्योग मंत्री ने यह जानकारी दी कि महत्वाकांक्षी मित्र परियोजना के तहत 1000 एकड़ में बनने वाले केंद्र सरकार का मेगा टेक्सटाइल पार्क बिहार को मिले, बिहार उसके लिए बिड करे, इसके लिए भी विभाग एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।