बिहार में अक्टूबर महीने में राज्य के 35 जिले के 900 बालू घाटों की बंदोबस्ती होगी। पटना व हर जिले ने बंदोबस्ती प्रक्रिया के लिए निविदा का विभिन्न कार्यक्रम जारी किया है। ऐसे में बंदोबस्ती प्रक्रिया पूरी होने तथा सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण होने के पश्चात बालू खनन तमाम बालू घाटों पर नवंबर के शुरुआत से ही होने की उम्मीद है। इससे सूबे सरकार का राजस्व बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि बंदोबस्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सरकार के राजस्व का आकलन हो सकेगा।
फिलहाल शेखपुरा, कटिहार और अररिया जिलों में बालू घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया नहीं होगी। सूत्रों के मुताबिक खान एवं भूतत्व विभाग के आदेश पर सभी जिलों ने बंदोबस्ती की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। विज्ञापन के जरिए इ-टेंडर के अप्लीकेशन मांगे जाने लगे हैं। फिलहाल बालू घाटों से खनन जून से ही बंद है। अब नये ढंग से बंदोबस्ती होने से सरकार के राजस्व में लगभग डेढ़ से दो गुना तक वृद्धि होने की उम्मीद है।
इसके साथ ही प्रदेश के सभी इलाकों में बालू की उपलब्धता बढ़ जायेगी। इसका लाभ आम लोगों को होगा, उन्हें वाजिब कीमत पर बालू मिल सकेगा। निर्माण कार्यों में वृद्धि होने से रोजी-रोजगार के अवसर में बढ़ोतरी होगी। तमाम बालू घाटों का डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट पूर्व में ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तैयार कर लिया गया था। उसके आधार पर बंदोबस्ती की प्रक्रिया हो रही है।
इससे पहले मई 2022 तक मात्र 16 जिलों के लगभग 435 बालू घाटों से खनन होता था। खान एवं भूतत्व विभाग के मुताबिक बालू का खनन ठप होने से पूर्व प्रदेश में बालू का पर्याप्त भंडारण किया गया था, इससे बालू की दिक्कत नहीं हुई है और निर्माण कार्य भी चल रहे हैं। अब नये ढंग से बंदोबस्ती होने से सरकार और आम जनों को लाभ मिलेगा। बालू की उपलब्धता में वृद्धि होने से इसके दाम कम हो सकते हैं।