बिहार राज्य में 3.49 करोड़ असंगठित क्षेत्र के श्रमिक है। यह वैसे मजदूर है जिनका इपीएफओ और इएसआइसी में किसी प्रकार का रोल नहीं है। इनका रजिस्ट्रेशन इ-श्रम पोर्टल पर 31 दिसंबर तक निबंधन कराने का टारगेट श्रम संसाधन विभाग ने रखा है। इस लक्ष्य के अनुसार प्रदेश में कार्यरत सेविका, आशा, जीविका, कृषि क्षेत्र श्रमिक, सहायिका और घरेलू कामगारों का रजिस्ट्रेशन होना है। विभाग ने इस बाबत हर संबंधित विभाग और केंद्र सरकार से इनका आंकड़ा मांगा है, जिससे इनका रजिस्ट्रेशन करा कर इन्हें भी स्कीम से जोड़ा जा सकें। वहीं, छठ तक डेटा नहीं मिलने पर तमाम प्रखंडों पर अभियान चलाकर इन्हें सीएससी लाया जायेगा, जहां इनका रजिस्ट्रेशन होगा।
इ-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए इच्छुक कामगारों के सहयोग हेतु राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर 14434 है। यह तकरीबन 12 भाषाओं में है, जहां रजिस्ट्रेशन के संदर्भ में पूरी जानकारी दी जा रही है। रजिस्ट्रेशन के बाद मजदूरों को एक नंबर के साथ इ- श्रम कार्ड मिलेगा, जिसके माध्यम से उन्हें देश में विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का फायदा मिल सकेगा।
वैसे श्रमिक जो इनकम टैक्स भरते हैं। इपीएफओ और इएसआइसी के मेंबर हैं। इस पोर्टल पर उनका रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। इसके अलावे कोई व्यक्ति इस बेवसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा कर योजनाओं का फायदा ले सकता है। सभी श्रेणी के श्रमिकों की सहयोग करेगा इ-श्रम पोर्टल पोर्टल निर्माण श्रमिकों, गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों, दूध वालों, रेहड़ी-पटरी वालों, कृषि श्रमिकों, घरेलू कामगारों, ट्रक चालकों, मछुआरों सहित हर असंगठित क्षेत्र के कामगारों की मदद करेगा।
इ-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड असंगठित मजदूरों के लिए दो लाख रुपये के लाइफ इंश्योरेंस कवर का प्रावधान है। यदि बेवसाइट पर रजिस्टर्ड कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार होता है, तो मृत्यु या फिर स्थायी तौर पर शारीरिक विकलांगता क में दो लाख रुपये और आंशिक रूप से शारीरिक विकलांगता का शिकार होने पर एक लाख रुपये जायेंगे। रजिस्ट्रेशन पूरे देश में मान्य होगा और इसके जरिए राज्य और केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ मिलेगा।