15 अप्रैल को बिहार में सहरसा और 14 अप्रैल को सीतामढ़ी पावर ग्रिड राष्ट्र को समर्पित कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह और राज्य सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव सहरसा और सीतामढ़ी के पावर ग्रिड का उद्घाटन का राष्ट्र के नाम करेंगे। मंत्रियों के आगमन को लेकर तैयारी जोरों शोरों पर है। शहर के पटेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम से उद्घाटन कर सहरसा पावर ग्रिड को राष्ट्र के नाम किया जाएगा।
आयोजित कार्यक्रम को मंत्री संबोधित करेंगे। इस प्रोग्राम में सहरसा के जिलाधिकारी आनंद शर्मा, पावरग्रिड के एमडी ए. श्रीकांत व अन्य अफसर उपस्थित रहेंगे। पावरग्रिड मिथिलांचल ट्रांसमिशन लिमिटेड के वरिष्ठ महाप्रबंधक पंकज कुमार सिंह ने बताया कि भारत सरकार और बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री के द्वारा 15 अप्रैल को सहरसा पावर ग्रिड का उद्घाटन किया जाएगा।
कार्यक्रम को लेकर तैयारी चरम पर है। हेंगर व टेंट से जुड़े अन्य सामान पटना से मंगाए गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक कार्यक्रम के एक दिन पहले ही पावर बिजली कंपनी से संबंधित अधिकारी सहरसा पहुंचेंगे। बता दें कि सहरसा जिले के सत्तरकटैया ब्लाक के सिहौल गांव में 1200 मेगावाट की 1400 एमवीए क्षमता का सहरसा पावरग्रिड है। गत वर्ष के अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह से इस पावर ग्रिड से बिजली का आपूर्ति हो रहा है।
फिलहाल सहरसा जिले के सोनवर्षाराज और मधेपुरा शहर स्थित ग्रिड से विद्युत की आपूर्ति हो रही है। चार्ज वेग का काम पूर्ण होते ही सहरसा पावरग्रिड से खगड़िया और बेगूसराय को बिजली आपूर्ति शुरू होने लगेगी। पावरग्रिड मिथिलांचल ट्रांसमिशन के वरिष्ठ महाप्रबंधक कहते हैं कि पावर ग्रिड खगड़िया बेगूसराय जिले को विद्युत आपूर्ति करने में समर्थ है, पर इसके लिए प्रदेश की सरकार के संबंधित विभाग को आवश्यक कार्य हेतु आवश्यक कार्य को पूर्ण करने होंगे।
बता दें कि 19 जनवरी 2019 को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय उर्जा राज्यमंत्री ने सहरसा पावरग्रिड की आधारशिला रखी थी। इस प्रोजेक्ट पर तकरीबन 400 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है। 10 सितंबर 2021 को ही पावरग्रिड का लाइन चार्ज किया गया था।
उधर, लीलो प्रोजेक्ट से 400 केवी किशनगंज-दरभंगा लाइन से आगामी सप्ताह सहरसा पावरग्रिड(उपकेंद्र) जुड़ जाएगा। फिलहाल पटना-किशनगंज लाइन से सहरसा पावरग्रिड को बिजली मिलती है। बताते चलें कि 11 अप्रैल के बाद कभी भी 400 केवी किशनगंज-दरभंगा लाइन के दोनों सर्किटों का सहरसा पावरग्रिड में लीलो को चार लाख वोल्ट पर बिजली आपूर्ति किया जाएगा।
सहरसा पावरग्रिड से दरभंगा-किशनगंज लाइन को जोड़ने हेतु 114 टावर बनाए गए हैं। जबकि सहरसा पावरग्रिड को पटना-किशनगंज लाइन से जोड़ने के लिए 211 टावर बनाए गए था। जिसमें गत बर्ष के सितंबर महीने में बिजली चार्ज किया गया था।