बिहार में इस वर्ष रून्नी सैदपुर से भिसवा स्टेट हाइवे-87, गया से बिहारशरीफ नेशनल हाईवे-82 और कादिरगंज से खैरा स्टेट हाइवे-82 का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। साल के आखिर तक आवागमन शुरू हो सकता है। इससे शिवहर, नवादा, सीतामढ़ी, जमुई, नालंदा और गया जिले के लोगों को ट्रैफिक सुविधा में इजाफा होगा। तीनों सड़कों की लंबाई कुल 234 किलोमीटर है, जिसे बनाने में लगभग 3212 करोड़ की लागत आ रही है।
बता दें कि सीतामढ़ी जिले के रुनीसैदपुर से भारत-नेपाल बॉर्डर के भिसवा को जोड़ने वाला स्टेट हाइवे-87 को मार्च, 2021 में ही पूरा करना था लेकिन कोविड और अन्य कारणों की वजह से इसमें देरी हुई है। 551 करोड़ रुपए के लागत से 67 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण हो रहा है। इस परियोजना के पूर्ण हो जाने से मां सीता के जन्म स्थली नेपाल के जनकपुर जाने में सुविधा होगी। इसके साथ ही सिवान और सीतामढ़ी जिले के पिछड़े क्षेत्रों में यातायात सुविधा बढ़ेगा।
वहीं, नवादा जिले के कादिरगंज व जमुई के खैरा में तीन पैकेज में सड़क का निर्माण हो रहा है, स्टेट हाइवे संख्या-82 के तहत निर्माणाधीन सड़क की कुल लंबाई 75 किलोमीटर है। इसे 2020 में पूरा करना था, किंतु कोविड और अन्य कारणों से इसमें देरी हुई। अब इसे इसी साल के आखिर यानी दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस सड़क के निर्माण होने से मध्य बिहार के नक्सल प्रभावित इलाकों में बेहतर कनेक्टिविटी होगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग-82 का चौड़ीकरण कर उसे फोरलेन में परिवर्तित किया जा रहा है। यह सड़क गया-हिसुआ-राजगीर-नालंदा से होकर बिहारशरीफ तक जाती है। पर्यटन के लिहाज से इस महत्वपूर्ण सड़क की टोटल लंबाई लगभग 93 किलोमीटर है, इसे बनाने में तकरीबन 2138 करोड़ की राशि खर्च हो रही है। इस सड़क बन जाने के बाद गया से बिहार शरीफ जाने में लगभग डेढ़ घंटे का समय बचेगा। इसे 2020 में पूरा करना था, किंतु कोविड और अन्य कारणों से इसमें देरी हुई।