बिहार में बुलेट ट्रेन परिचालन को लेकर नई पटरियां बिछाने का काम होना है। इसके लिए रेलवे सर्वे भी कर रही है। इसमें यह निर्धारित हो जाएगा की ट्रेन हावड़ा पटना रूट से होकर गुजरेगी या गया से। इस परियोजना के होने से बिहार में विकास को नई रफ्तार मिलेगी। इसी कड़ी में रेलवे ने बिहार में एक नई उपलब्धि जोड़ने वाली है। बता दें कि ट्रेनों को सोलर एनर्जी से भारतीय रेलवे चलाने की योजना पर काम कर रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत भारतीय रेलवे मध्यप्रदेश के बीना में सोलर पावर प्लांट लगाई है। मिली जानकारी के मुताबिक सौर ऊर्जा वाली ट्रेन हावड़ा से बिहार होते हुए नई दिल्ली रूट पर परिचालित होगी।
भारतीय रेलवे की सोलर पावर सिस्टम टेक्नोलॉजी पर आधारित देश की पहली ट्रेन 15 जुलाई 2017 को दौड़ती नजर आई थी। उस समय के रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने स्पेशल डीईएमयू (डीजल-इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इस ट्रेन में रेलवे ने 10 कोच में से 8 कोच की छतों पर 16 सोलर पैनल लगाए थे। सोलर पैनल की मदद से बनने वाली बिजली से भारतीय रेलवे के ट्रेनों में पंखे और लाइट चलते हैं। लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक आज तक किसी भी भारतीय रेलवे नेटवर्क ने ट्रेनों को चलाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग नहीं किया है। खबर यह है कि भारतीय रेलवे ट्रेनों को सोलर एनर्जी से चलाने की रणनीति पर काम कर रहा है।
सूत्रों की मानें तो बिहार में इस योजना के लिए जमीन चिन्हित की कवायद भी शुरू हो गई है। बता दे कि रेलवे ट्रैक के किनारे खाली भूमि में रेलवे सौर ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगाएगी। प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के हाथों यह सारा काम सौंपा जाएगा।