किसी भी हादसे के बाद मदद के लिए अब बिहार के लोग एक ही नंबर पर डायल करने के बाद उन्हें मदद मिल जाएगी। बिहार में इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम चालू कर दिया गया है। किसी भी बंद स्मार्टफोन के ऑन और ऑफ स्विच को तीन बार दबाते ही 112 नंबर डायल हो जाएगा। इसके अतिरिक्त सामान्य बेस फोन से लेकर बटन वाले मोबाइल से 112 नंबर डायल किया जा सकता है। इस नंबर को डायल करते ही एंबुलेंस सेवा, फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ी मदद के लिए मौके पर पहुंच जाएगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को इमरजेंसी के इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम को लांच किया। इसके लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बना है, जहां पर 112 पर कॉल करते ही फोन अटेंड होगा। संबंधित विभाग में यहां से नंबर को भेजा जाएगा। नीतीश सरकार के द्वारा 112 नंबर के लिए आप की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी का स्लोगन दिया गया है। आपातकालीन स्थिति में 112 नंबर पर कॉल करने पर आपको मदद मिलेगी। बिहार सरकार ने कहा कि एंबुलेंस पुलिस के साथ ही फायर ब्रिगेड की टीम को सुविधा के लिए पूरी तरह चौकस होगी। हालांकि यह सेवा शुरू करने वाला बिहार पूरे देश भर में आखिरी राज्य है।
अब आपातकालीन स्थिति में अलग-अलग नंबर याद करने की नौबत नहीं होगी। बस 112 डायल करते ही हर प्रकार से मदद के लिए बिहार पुलिस तैयार होगी। पहले कई तरह के नंबरों को दिमाग में सेट करना पड़ता था, पुलिस के लिए 100 और एंबुलेंस के लिए 108 नंबर दिमाग में याद रखना पड़ता था। आग लग जाने की स्थिति में फायर ब्रिगेड की टीम बुलाने के दूसरा नंबर याद रखना पड़ता था।
बता दें कि दूसरे देशों में इमरजेंसी सेवा के रूप में 911 को इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे ही देश में 112 को इसके लिए बनाया गया है। हालांकि बिहार में इस सेवा को लॉन्च करने में सरकार ने काफी देरी की है। प्रदेश में 3 वर्ष से इस सेवा को लॉन्च करने की कवायद चल रही थी।
पटना के साइबर विशेषज्ञ रंजन बताते हैं कि साल 1972 में सबसे पहले यूरोपियन कांफ्रेंस ऑफ पोस्टल एंड टेलिकम्युनिकेशंस एडमिनिस्ट्रेशंस ने इमरजेंसी के रूप 112 नंबर को चुना था। उन दिनों फोन में नंबर को घुमा कर डायल किया जाता था। इस फोन में 112 नंबर डायल करने में कम रोटेशन और कम समय की जरूरत पड़ती थी।