बिहार में चार राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना फॉरेस्ट क्लियरेंस के वजह से लटकी हुई है, नेशनल हाईवे ऑफ इंडिया ने बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अफसरों को खत लिखकर फॉरेस्ट क्लीयरेंस की अपील की है। इसके मिल जाने से इन सड़क प्रोजेक्ट का काम अगले वर्ष तक पूरा हो जाएगा।
बिक्रमगंज-दावाथमलियाबाद-नवानगर-डुमराव एनएच 120, छपरा में एनएच-331 (पुराना-101), बक्सर और कैमूर जिले में एनएच-319ए एवं भागलपुर में विक्रमशिला सेतु के समानांतर नया फोरलेन पुल शामिल हैं। इन चार सड़क परियोजनाओं का निर्माण वर्तमान में वह फॉरेस्ट क्लीयरेंस न मिल पाने की वजह से अटका हुआ है। संभावना है कि फॉरेस्टक्लीयरेंस के बाद इसका निर्माण अगले साल तक पूरा कर वाहनों के परिचालन के लिए शुरू कर दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक छपरा में नेशनल हाईवे-331(पुराना-101) सड़क एनएच-31 के जंक्शन से शुरू होती है जो बनियापुर को जोड़ती है। यह सड़क नेशनल हाईवे-27 के नजदीक मुहम्मदपुर तक जाती है, अक्तूबर 2021 में ही लगभग 65 किमी लंबी इस सड़क में लगभग 15 किमी लंबाई में फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए एप्लिकेशन डाला गया था।
इस रोड की चौड़ाई बढ़ा कर टू लेन पेव्ड सोल्डर निर्माण करना है। बिक्रमगंज-दावाथ-मलियाबादनवानगर-डुमरांव नेशनल हाईवे-120 की लंबाई लगभग 240 किमी है। सड़क निर्माण में लगभग 40 किलोमीटर फॉरेस्ट क्लियरेंस की जरूरत थी, जिसके लिए अप्रैल 2022 में एप्लीकेशन दिया गया था। पहले चरण का क्लीयरेंस भी अभी तक नहीं मिला है।
भागलपुर में नया फोरलेन पुल का निर्माण विक्रमशिला सेतु के समानांतर किया जाना है। गंगा नदी का यह क्षेत्र डॉल्फिन अभ्यारण घोषित है। पुल बनाने के लिए यहां पहले वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस जरुरी है, बिहार सरकार के स्तर से अप्रैल 2022 में मिल चुका है। अब इंतजार है भारत सरकार के वाइल्डलाइफ डिवीजन से इजाजत मिलने का। बक्सरा और कैमूर जिला में एनएच-319ए की चौड़ाई बढ़ाने के साथ ही टू लेन पेव्ड सोल्डर का निर्माण होना है। 45 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस का इंतजार है।