बिहार सरकार के ने इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क को सूबे में लगभग 552 किलोमीटर लंबी फोरलेन बनाने के लिए केंद्र सरकार से अपील की है। फिलहाल इस सड़क को दो लेन में बनाया जा रहा है। इसे लेकर शुक्रवार को देश के गृहमंत्री अमित शाह से पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने मुलाकात की। उन्होंने फोरलेन सड़क बनाने के लिए अपील किया।
पथ निर्माण मंत्री ने इस संबंध में कहा कि इस परियोजना पर लगभग 2400 करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान था। केंद्र सरकार में से लगभग 1000 करोड़ रुपए दे चुकी है। इस वर्ष लगभग दो सौ करोड़ मिले थे उसके जगह 600 करोड़ केंद्र सरकार से मांग की गई है।
मालूम हो कि बेतिया में यूपी के सीमा से शुरू होकर बिहार के किशनगंज में बंगाल के बॉर्डर तक बनने जा रही यह सड़क कई मायनों में बेहद खास है। बिहार में लगभग 552 किलोमीटर लंबाई में से लगभग 184 किलोमीटर सड़क में बिटुमिनस का काम पूरा हो चुका है। 393 किलोमीटर में मिट्टी भराई का काम हो चुका है। दिसंबर, 2022 तक सड़क निर्माण का लक्ष्य है।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार की प्रोजेक्ट इण्डो-नेपाल बोर्डर सड़क परियोजना के तहत बिहार में भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी तक पहुंचाने के लिए एक सुविधाजनक रास्ता उपलब्ध कराने और सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत 552 किलोमीटर लंबी सड़क फोरलेन में बनाया जाना है, इसकी चौड़ाई 7 मीटर है।
गृह मंत्री अमित शाह से भेंट करके राज्य के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने अपील किया कि मौजूदा समय में ट्रैफिक को देखते हुए सड़क की चौड़ाई 7 मीटर से विस्तार कर फोरलेन किया जाए। अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना को निर्धारित समय में पूरा किया जाना जरूरी है। इस साल पर्याप्त आवंटन दी जाएगी और सड़क की चौड़ाई के सुझाव पर सकारात्मक विचार होगा।