बिहार में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के बहाली में सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन को लेकर नई नियमावली में मुख्य रूप से शैक्षणिक योग्यता को केंद्र में रखा जाएगा। अब तक आवेदन करने वाली महिला की शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास निर्धारित थी। अबुजा व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है कि अगर कोई पोस्ट ग्रेजुएट या फिर पीएचडी की हुई महिला आंगनबाड़ी सेविका या सहायिका के लिए आवेदन करती है, तो उसके नीचे जीतने भी बीए या मैट्रिक पास महिलाओं के आवेदन होंगे उन सभी पर विचार नहीं होगा।
बता दें कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के पद पर सबसे उच्च शैक्षणिक योगिता वाली महिला को ही चयन किया जाएगा। जिस समय आगनबाडी सेविका और सहायिका के चयन के लिए नियमावली बनाई जा रही थी उस समय यह बात सामने आई कि चयन प्रक्रिया के लिए ग्राम सभा की अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाए। इसके चलते देरी होता है और धांधली की शिकायतें भी आती रहती हैं। पर व्यापक स्तर पर चर्चा के बाद यह निर्धारित हुआ कि ग्राम सभा की व्यवस्था को समाप्त नहीं किया जाएगा। व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी रहे इसका प्रावधान किया जाए। अगर कोई आपत्ति होती है तो पारदर्शी तरीके से उसका निबटारा भी किया जाए।
चयन के लिए जो शर्त निर्धारित है उसका अनुपालन सौ प्रतिशत किया गया है यह प्रमाणित ढंग से उपलब्ध हो। आमतौर पर यह शिकायत आती रहती है कि ग्राम सभा के आयोजन की तिथि के बारे में आवेदकों को बताया ही नहीं गया। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि तमाम सूचना डिजिटली उपलब्ध कराया जाए। इसका साक्षी रखा जाए क्योंकि चयन होने के बाद इस प्रकार की कई शिकायतें होती हैं। जनता दरबार में मुख्यमंत्री के सामने आगनबाडी सेविका और सहायिका के चयन को लेकर शिकायतें पहुंची उनमें से ज्यादातर इसी प्रकृति के थे कि उन्हें ग्राम सभा के बारे में सूचना ही नहीं दी गई।