राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन का नक्शा और अन्य दस्तावेजों लेने के लिए कितना शुल्क देना होगा, यह निर्धारित कर दिया है. पेज के आकार (साइज) के अनुसार यह शुल्क तय किया गया है।
जमीन का नक्शा 150 रुपये में मिलेगा. साथ ही 10 रुपये फीस के रूप में देने होंगे. सभी दस्तावेज आधुनिक अभिलेखागार सह डाटा केंद्र (एमएमआर) से मिलेंगे. राज्यभर में 121 एमएमआर इसी महीने से काम करने लगेंगे।
विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बुधवार को बिहार सर्वेक्षण कार्यालय गुलजारबाग में पहुंचकर योजना के क्रियान्वयन की तैयारियों की समीक्षा की. रैयत आदि से लिये जाने वाले शुल्क के निर्धारण पर अधिकारियों के साथ मंथन किया।
अपर मुख्य सचिव के निर्देशन में जमीनी विवादों को खत्म करने के लिए युद्ध स्तर पर सर्वे और रिकार्ड के सुधार का काम किया ला रहा है. डेली बराजस्व कर्मियों की मनमानी खत्म करने और लोगों को अंचल स्तर पर ही दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए मॉडर्न रिकाॅर्ड रूम की स्थापना की गयी है।
विवेक कुमार सिंह ने बताया कि सुपौल जिले के पीपरा अंचल से 15 जुलाई को आधुनिक अभिलेखागार शुरू हो जायेगा। इन केंद्रों पर भू-स्वामियों से पेज के हिसाब से दस्तावेज का शुल्क लिया जायेगा. अभिलेख का प्रकार पांच प्रकार के आकार में होगा।
ए-जीरो साइज पर मानचित्र आदि के लिए प्रति पेज 150 रुपये लिये जायेंगे. यदि कोई व्यक्ति प्रतिवेदन व अन्य अभिलेख ए-1 साइज के पेपर पर मांगता है तो उसे 50 रुपये, ए-2 साइज के लिए 30 रुपये, ए-3 साइज के लिए 20 रुपये और ए-4 साइज के लिए प्रति पेज 10 रुपये चुकाने होंगे. आवेदक को 10 रुपये स्टांप शुल्क के रूप में देने होंगे।
विवेक कुमार सिंह ने बताया कि जरूरत पड़ने पर इन दरों में बदलाव भी किया जा सकता है. आधुनिक अभिलेखागार में जो भी अभिलेख प्राप्त होंगे, उन्हें डिजिटाइज्ड- स्कैन करते हुए सर्वर पर सुरक्षित करने की योजना है।
समीक्षा बैठक में भू-अभिलेख और परिमाप निदेशक जय सिंह, सहायक निदेशक मुकुल कुमार, बिहार सर्वेक्षण कार्यालय की उपनिदेशक सईदा खातून, एनआइसी के तकनीकी निदेशक संजय कुमार मौजूद रहे।