मशरूम उत्पादन के मामले में बिहार ने बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया है। देश में सबसे ज्यादा मशरूम उत्पादन के मामले में अन्य राज्यों को पछाड़ते हुए बिहार शीर्ष पर आ गया है। देश के कुल मशरूम उत्पादन में बिहार का योगदान 10 फीसद का है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि साल 2021-22 में कुल 28 हजार टन से ज्यादा मशरूम का उत्पादन हुआ है। इन आंकड़ों के बाद बिहार का कृषि विभाग खुश है, तो मशरूम उत्पादकों के चेहरे की रौनक बढ़ गई है।
एक अनुमान के मुताबिक बिहार के मशरूम की सबसे ज्यादा डिमांड पूर्वोत्तर राज्यों में है। बगल के झारखंड और उत्तर प्रदेश में भी यहां के मशरूम की डिमांड है। कोविड पीरियड में किसानों को मशरूम बाहर भेजने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी जिस वजह से उन्हें नुकसान हुआ। सामान्य दिनों में 150-180 रुपए की दर से बिकने वाला मशरूम 100 से 125 रुपए प्रति किलो बिका।
राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक दयाराम ने बताया कि बिहार में दो तरह के मशरूम का उत्पादित किया जा रहा है। लगभग तीन दर्जन उद्यमी कंट्रोल एनवायरमेंट में बटन मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। 100 से अधिक ऐसे उधमी हैं। वहीं बटन, ऑएस्टर और दूधिया किस्म के मशरूम 60,000 से अधिक किसान उत्पादित कर रहे हैं। इनमें ऐसे किसान भी शामिल है जो जेल में सजा काटने के बाद घर पहुंचे हैं।
दयाराम ने बताया कि बिहार को इस उपलब्धि को अपने नाम करने में 30 वर्ष से ज्यादा का समय लगा है। सभी जिलों के किसानों द्वारा मशरूम का उत्पादन करने के बाद इस क्षेत्र के कारोबार को लगभग 4000 से 5000 करोड़ तक पहुंचा दिया है। उन्होंने जानकारी दी कि व्यवसायिक रूप से दूधिया, ऑएस्टर और बटन वाले मशरूम की खेती की जा रही है। वर्तमान में तकरीबन 55 कंट्रोल यूनिट स्थापित है जिसमें तकरीबन तीन दर्जन मशहूर प्रत्येक दिन उत्पादित किया जा रहा है।