बिजली कनेक्शन देने के मामले में बिहार ने कई विकसित राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। घरों में बिजली कनेक्शन देने की सूची में विगत 5 वर्षों में बिहार ने सबसे लंबी छलांग लगाई है। हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में इसका विस्तार से उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट यह बयां करती है कि साल 2015-16 में राज्य काफी तादाद में लोगों के घरों में बिजली कनेक्शन नहीं थी। अब इस मामले में बिहार की स्थिति पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और झारखंड सहित कई राज्यों से बेहतर हो चुकी है।
आयोग ने वर्ष 2015-16 की स्थिति से 2019-20 के हालात की तुलना की है। इसमें उल्लेख है कि साल 2015-16 में बिहार के 39.86 प्रतिशत घरों में बिजली का कनेक्शन नहीं था। यह आंकड़ा उस समय देश के अन्य राज्यों में सबसे अधिक था। साल 2019-20 आते-आते बिहार की स्थिति सुदृढ़ हुई है।
आपको बता दे कि बिहार में बिजली से वंचित घरों की संख्या 40 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत पर आ गई है। देश के कई राज्य ऐसे भी हैं जहां अभी भी 3 फीसद से ज्यादा घरों में बिजली कनेक्शन नहीं है। बीते 4 वर्षों में बिहार ने सबसे अधिक घरों में बिजली कनेक्शन देने कीर्तिमान स्थापित किया है। वहीं, उत्तर प्रदेश के नौ प्रतिशत, असम में 7.4, झारखंड के 5.70, अरुणाचल प्रदेश के 5.20, मेघालय 8.10 प्रतिशत घरों में अभी भी बिजली कनेक्शन नहीं है।
बता दें कि साल 2016 से ही बिहार सरकार हर घर बिजली के निश्चय तहत लोगों के घरों में बिजली पहुंचाने का काम शुरू किया था जिससे स्थिति बदल गई है। निश्चय में साफ तौर पर यह कहा गया था कि राज्य के हर इच्छुक लोगों को फ्री में बिजली कनेक्शन दिया जाएगा जो साल 2018 के अक्टूबर महीने में ही हासिल कर लिया गया था। विद्युत आपूर्ति के मामले में भी बिहार की दूसरे राज्यों पर आत्मनिर्भरता खत्म हो गई है बीते दिनों ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बरौनी और बाढ़ में विद्युत मेला प्लांट का उद्घाटन किया है।