इस साल बिहार परिवहन ने कई नई सुविधाएं की शुरुआत की है। शहर की सड़कों पर 25 इलेक्ट्रिक और 50 सीएनजी बसों का परिचालन शुरू हुआ है। इसके अलावे लंबी रूट पर 70 नई डीजल इंजन वाली बसों का परिचालन शुरू हुआ है। जिसमें जनरल बसों के साथ ही कुछ सेमी डीलक्स और डीलक्स बसें भी शामिल थी। शहर के अंदर लोगों के लिए ऐसी बसों में आराम देह सफर शुरू हुआ है, बल्कि दूर-दराज के प्रदेश से आना-जाना भी आसान हो गया है। समय के साथ खर्च की भी बचत हुई है।
शहर में 2 मार्च से इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू हुआ। मुख्यमंत्री ने 12 बसों का उद्घाटन और शोर-शराबे और प्रदूषण रहित बसों से लोगों का सफर आसान हुआ है। इसके बाद 13 इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू हुआ जो राजधानी के साथ राजगीर, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे जगहों पर भी आने जाने लगे।
राजधानी में बीते डेढ़ साल से 20 सीएनजी बसों का परिचालन हो रहा है। ये वो बसे हैं जो पहले डीजल इंजन थी जिसे बदलकर सीएनजी बस में बदला गया है। लेकिन पुरानी बसें होने के वजह से इनमें सीएनजी किट लगने के बाद भी सफर अधिक आरामदेह नहीं लगता था लेकिन इसी साल के अगस्त में 50 नई सीएनजी बसों के परिचालन से पूरी स्थिति ही बदल गयी।
ये नई सीएनजी बसें पूरी तरह वातानुकूलित थी। अब शहर में सीएनजी बसों की कुल संख्या 70 पहुंच गयी है। बेली रोड में चलने वाली अपनी सभी डीजल बसों को बीएसआरटीसी ने बेली रोड से परिचालन पर रोक लगा दी है। वर्तमान में गांधी मैदान से दानापुर तक केवल सीएनजी या इलेक्ट्रिक बसें ही चलती हैं।