बिहार में पंचायत चुनाव कराने के लिए तैयार ही तेजी से चल रही है. इसी बीच बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को संकेत दिए कि दो से ज्यादा बच्चों वाले बिहार में पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में 2 से अधिक बच्चे वाले लोगों को निकाय का चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है. बिहार में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है. अब इस नियम को बिहार सरकार ग्राम पंचायतों के चुनाव में भी लागू करना चाहती है.
पटना में प्रेस वार्ता के दौरान मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि इसे कानून बनाकर लागू करने में 1 साल का वक्त लगेगा. इसलिए यह नियम एक साल बाद ही प्रभावी होगा. इसलिए यह तैयारी साल 2026 के चुनाव के लिए की जाएगी, आगे सम्राट चौधरी ने कहा कि देश में अब इस तरह का कानून बनाना बेहद जरूरी है. प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनसंख्या नियंत्रण पर दिए गए बयान को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर चौधरी ने कहा, ‘राज्य में दो से ज्यादा बच्चे वालों को नगर निकाय का चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है. उस समय पंचायत में शिक्षा कम होने के कारण यह फैसला टाल दिया गया था, लेकिन अब इसे लागू करने की जरूरत है.’
नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सोमवार को अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा था कि इसके लिए कानून लाना जरूरी नहीं. उन्होंने कहा कि ‘जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाने से बहुत लाभ नहीं होने वाला है. इसके लिए महिलाओं को शिक्षित और जागरुक करना जरूरी है.’ राज्य में कोरोना के कारण पंचायत चुनाव टला हुआ था जो कि अब सितंबर-अक्टूबर में होने की संभावना है
आपको बता दें कि बिहार में पंचायत चुनाव कराने के लिए राज्य का निर्वाचन आयोग तैयारी में लगा हुआ है. संभावना जताई जा रही है कि 10 चरणों में होने वाला पंचायत चुनाव का पहला चरण अगस्त के अंतिम सप्ताह में कराया जा सकता है. इस बीच आयोग ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए चुनाव को लेकर कई अवश्यक कदम भी उठाए हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत आम निर्वाचन के लिए सभी जिलों में 10 चरणों में मतदान कार्यक्रम की रिपोर्ट तैयार प्राप्त कर ली है.