बिहार के 2 युवाओं को 42-42 लाख की स्कॉलरशिप मिली है। यह दोनों युवक महादलित वर्ग से संबंध रखते हैं। उन्होंने कहा कि हम जिस समाज और वर्ग से आते हैं वहां वहां हम सोच भी नहीं सकते कि हमें इतना बड़ा मौका मिलेगा यह सफलता हमारे लिए सपना सच होने जैसा है। अपना अनुभव साझा करने के दौरान अनोज भावुक हो जाते हैं। उनके साथी गौतम कुमार को ही इस स्कॉलरशिप के लिए चुना गया है। उन्होंने आगे कहा कि अब अपने जैसे लोगों की जिंदगी बदलना हमारा मकसद।
अनोज और गौतम को स्कॉलरशिप हरियाणा स्थित अशोका यूनिवर्सिटी की ओर से दी गई है। हरियाणा के अशोका यूनिवर्सिटी भारत में आईवी लीग शिक्षा प्रदान करने के लिए जानी जाती है है। दोनों ने अपनी 12वीं तक की शिक्षा पटना स्थित एनजीओ ‘शोषित समाधान केंद्र’ के माध्यम से प्राप्त की थी। वहीं से अनोज और गौतम को डेक्सिटी के बारे में पता चला और कुछ करने की इच्छा शक्ति उन्हें शरद सागर तक खींच कर ले गई। डेक्सिटी ने दोनों की प्रतिभा को पहचाना और उसे सकारात्मक दिशा दी और आज उसका परिणाम सबके सामने है।
अनोज के पिता दानापुर के जमशेद गांव से संबंध रखते हैं और उनके पिता मजदूर हैं अनोज अपने गांव से कॉलेज की पढ़ाई करने वाले गांव के पहले लड़के है। अनोज के परिवार और गांव वाले उनकी सफलता से बहुत खुश हैं अनोज मैथमेटिक्स ऑनर्स करना चाहते हैं।
वही मसौढ़ी के रहने वाले गौतम के पिता टोलासेवक हैं। गौतम कंप्यूटर साइंस एंड इंटरप्रेन्योरशिप की पढ़ाई करना चाहते हैं। अपने पुराने दिनों को याद करते हुए गौतम बताते हैं कि कभी हमारे पास कॉलेज की फीस देने के पैसे भी नहीं थे। अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए हमने कभी बड़ा सपना देखने की हिम्मत भी नहीं की लेकिन इस सफलता ने हमारी दुनिया ही बदल दी। गौतम और अनोज कहते हैं कि जिस तरह से ऊपर उठे और आगे बढ़े है उसी तरह उनकी कोशिश रहेगी कि वो अपने जैसे लोगों की मदद करे।