21 जनवरी को बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती है। मुंगेर-खगड़िया पर निर्मित गंगा पुल का नाम उनके नाम पर ही श्रीकृष्ण सेतु रखा गया है। श्रीकृष्ण सेतु के एप्रोच पथ का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। सिर्फ पिचिंग का काम बाकी है। पुल निर्माण में जुटी एजेंसी का कहना है कि 2 से 3 दिनों के भीतर यह काम भी पूरा हो जाएगा।
जयंती अवसर पर पुल उद्घाटन होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इससे पहले श्रीकृष्ण सेतु का उद्घाटन का दो बार दिनांक टल चुका है। ऐसे में 31 जनवरी को जयंती पर आम जनता के लिए श्रीकृष्ण सेतु समर्पित किए जाने की उम्मीद है। हालांकि, आधिकारिक रूप से प्रशासनिक निर्देश नहीं मिला है, पर भीतर ही भीतर एक ही जनवरी को पुल का उद्घाटन करने की बात तेज है।
पुल से लेकर एप्रोच पथ पर बाकी कार्य तीव्र गति से जारी है। पुल के सड़क पिचिंग से लेकर सड़क मार्किंग व साइडर के रंग-रोगन का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। एप्रोच पथ के टर्निंग प्वांट पर वानिकी कालजे व टीकारापुर में सेफ्टी के लिए स्टील के पिलर लगाने का काम जारी है।
बता दें कि चौखंडी से चुरंबा के बीच अभी पीचिंग का कार्य शेष है। चंडिका स्थान के पीछे तकरीबन आठ सौ मीटर में पीचिंग कार्य बाकी है। चौखंडी के अंडर पास का कार्य अभी भी बाकी है। काला पत्थर के निकट अभी लेअर ही पीचिंग हुआ है। मुरली पहाड से दूध पैक्ट्री के बीच मिट्टी पीचिंग का कार्य जारी है। काला पत्थर से आगे नया गांव के निकट अंडर पास अभी अधूरा है। इसके बनने से सूबे के कई जिलों को सुगमता होगी।