सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने राज्य में बिजली को लेकर बुधवार को बड़ी बात कही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी कीमत पर बिहार में फ्री में बिजली नहीं दी जाएगी। सीएम ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में बिहार में लगातार अच्छा काम हुआ है। लेकिन कुछ लोगों की मांग है कि मुफ्त बिजली दी जाए। मुफ्त बिजली देने की बात बिल्कुल गलत है, जरा उन राज्यों के हालात पर भी गौर कर लीजिए जहां मुफ्त में बिजली दी जा रही है।
सीएम नीतीश कुमार ऊर्जा प्रक्षेत्र की कुल 3452.11 करोड़ रुपए का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे थे। उन्होंने 725.26 करोड़ रुपए की योजना का लोकार्पण किया जबकि 2726.85 करोड़ रुपए की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया। सीएम ने 325 करोड़ रुपए से बने 48 विद्युत शक्ति उपकेंद्र का उद्घाटन किया। 874 करोड़ की लागत से कुल 7 ग्रिड सब स्टेशन से वितरण प्रणाली तक ट्रांसमिशन लाइन और 817.35 करोड़ लागत की बक्सर ताप विद्युत प्रतिष्ठान से विद्युत आपूर्ति हेतु संचरण लाइन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।
सीएम नीतीश ने कहा कि उपभोक्ताओं को राज्य सरकार अपनी ओर से सब्सिडी भी देती है। खरीद से कम रेट पर उपभोक्ताओं को बिजली मुहैया कराई जा रही है। फिर भी कुछ लोग मुफ्त में बिजली देने की मांग करते रहते हैं जो कि पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि राज्य में सड़क और बिजली के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है। निजी क्षेत्र से बिहार को बिजली खरीदने की नौबत नहीं पड़ेगी। बिजली की जितनी आवश्यकता होगी वह केंद्र सरकार के जरिए ही मिल जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार का आभार भी प्रकट किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी लगातार काम हो रहा है। राज्य में 200 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट लगने जा रहा है। सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड राज्य के जमुई और बांका जिले में 100-100 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट बनाएगी जिसके लिए कवायद शुरू हो चुकी है। 1000 करोड़ रुपए की लागत से सौर ऊर्जा प्लांट की स्थापना होगी।