दुनिया के टेक्सटाइल उद्योग को अपनी और आकर्षित करने के मकसद से बिहार सरकार ने भी आकर्षक पैकेज बना लिया है। बिहार में लेदर उद्योग और टेक्सटाइल लगाने वाले प्लांटों को अब प्रदेश सरकार के द्वारा पूंजी, बिजली में छूट, कर्मचारियों को सैलरी और माल के एक्सपोर्ट पर भारा खर्च मिलेगा। सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक आयोजित हुई जिसमें औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति को स्वीकृति दे दी है।
डा एस सिद्धार्थ (अपर मुख्य सचिव, कैबिनेट विभाग) ने बताया कि मौजूदा समय में उद्योग और चीन के बजाय भारत की ओर राह देख रहे हैं। इसी के मद्देनजर राज्य सरकार ने अपने टेक्स्टाइल नीति 2022 को मंजूरी दी है। उन्होंने जानकारी दी कि इस पॉलिसी से बिहार में लेदर और टेक्सटाइल लगाने वाले प्लांटों को देश में सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।
टेक्सटाइल उद्योग में दो वर्ग है जिसमें पहले वर्ग में कपड़े की सिलाई, वस्त्र का निर्माण, जूता-चप्पल का निर्माण, परिधानों का निर्माण किया जाता है जबकि दूसरी कैटेगरी में धागा का निर्माण, कपड़े का निर्माण को बांटा गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में टेक्सटाइल लगानेवाली प्लांटों को उद्योग लगाने पर पूंजीगत सब्सिडी के तौर पर 15 फीसद की सहायता मैक्सिमम 10 करोड़ तक दी जायेगी।
इसी तरह से कोई भी प्लांट से एक्सपोर्ट होता है तो उसे मुंबई और कोलकाता जैसे कार्बो तक माल किराया के कोष में तीस फीसद की प्रतिपूर्ति और प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए की राहत, उद्योग में काम करने वाले कर्मियों को प्रत्येक महीने सैलरी के रूप में 5000 और इपीएफ डिपॉजिट करने पर 300 फीसद तक वेतनमान दी जाएगी। इसके साथ ही सरकार के द्वारा उद्योग की बिजली खपत में 2 रूपए प्रति यूनिट छोड़ दी जाएगी। इसके साथ ही पेटेंट सब्सिडी के तौर पर प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए का लाभ मिलेगा।
उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में लेदर उद्योग और टेक्स्टाइल लगाने वाले प्लांटों को इसका लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन 30 जून 2023 तक करना होगा। एक साल के भीतर एप्लीकेशन करने वाले प्लांटों को 5 सालों तक यह लाभ निरंतर मिलता रहेगा। उन्होंने जानकारी दी कि कोई भी प्लांट पर 100 करोड़ निवेश होता है तो उसे प्रति वर्ष 150 करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा।
अपर मुख्य सचिव ने जानकारी थी कि वह से पात्र प्लांटों जिनके द्वारा इस नीति की नोटिस जारी होने की तिथि से पूर्व चरण-1 की स्वीकृति मिली है। इससे पहले 2016 में बना दो कि नीति के तहत अगर प्रदेश में उद्योग स्थापित करने वालों को 20 करोड़ ब्याज 10 फीसद प्रॉफिट मिलता है। इसके साथ ही जीएसटी में 100 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति होती है। प्रदेश सरकार स्टांप शुल्क मुक्त कर देती है। फ्री में भूमि परिवर्तन का फदिया जाता है।