बिहार को एक और म्यूजियम का तोहफा मिलने जा रहा है। पहला शिल्प कला म्यूजियम राजधानी पटना में बन रहा है। पटना के उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के पास में राज्य के पहले शिल्प कला म्यूजियम के निर्माण में 30 करोड़ की राशि खर्च हो रही है। इस म्यूजियम में शिल्प कला के लिए विभिन्न भवन होंगे और प्रशासनिक ब्लॉक फैसिलिटी केंद्र होगा। मिली जानकारी के मुताबिक सिर्फ संस्थान कैंपस में दीपिका से फैसिलिटी सेंटर को जोड़कर शुरुआती सिरे से फिर से शुरू किया जाएगा।
इस म्यूजियम में वैसे कलाओं का विस्तार से प्रचार होगा जो शिल्प से जुड़ी हुई है। साथ ही ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को सेंटर में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा और शिल्प कला के गुण सिखाए जाएंगे। सीएससी सेंटर में इसके लिए कलाकृतियों को बनाने के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगाने का काम चल रहा है।
मालूम हो कि बिहार का पहला शिल्पकला म्यूजियम का निर्माण उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान इंस्टीट्यूट में हो रहा है। इसके लिए पुरानी इमारत की संरचना को बिना क्षति पहुंचाए ही आधुनिक म्यूजियम का निर्माण चल रहा है। बिहार की पुरानी लोक कलाएं शिल्प को म्यूजियम कैंपस में प्रस्तुत किया जाएगा इसके लिए डिस्पले सेंटर का भी निर्माण होगा। लोक कलाओं को प्रस्तुत करने वाला बिहार के पहले म्यूजियम में डिस्पले सेंटर रहेगा।
शिल्प कला म्यूजियम बनाने का मकसद लोगों को शिल्प कला से जोड़ा जाना है। पटना घाट का निर्माण उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान कैंपस में किया गया था। पटना हाट को पुनः शुरू किया जाएगा पटना हाट को एक बार फिर से चालू किया जाएगा। पटना के लोगों के लिए दिल्ली के तर्ज पर पटना हाट को शुरू किया गया था। उपेंद्र महारथी संस्थान में निर्मित फव्वारे को पुनः शुरू किया जाएगा। संस्थान की खूबसूरती लोगों को अपनी और लुभाएगी।