बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को संपन्न हुई जिसमें कई बड़े ऐलान हुए हैं। राज्य के सभी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यानी आईटीआई को उच्च स्तरीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में मनाया जाएगा। दो फेज में इसे पूरा किया जाएगा। कुल 4606 करोड़ 97 लाख रुपए खर्च होंगे। पहले फेज में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 60 और दूसरे फेज में 2022-23 में 89 कॉलेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा।
सभी आईटीआई संस्थान में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण छात्रों को देने के लिए नई मशीनें स्थापित किया जाएगा। जल्द ही बिहार सरकार टाटा टेक्नोलॉजी के साथ समझौता करेगी। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने में 4607 करोड़ रुपए खर्च होंगे इसमें 88 फ़ीसदी राशि टाटा टेक्नोलॉजी को देना होगा। बाकी के 12 फीसद यानी 552 करोड़ 84 लाख रुपए बिहार सरकार उठाएगी। पहले फेज में 262 करोड़ 68 लाख और दूसरे फेज में 389 करोड़ 66 लाख राज्य सरकार खर्च करेगी, जिसे कैबिनेट ने प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है।
कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य कैबिनेट की बैठक में 14 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। राजगीर के नेचर सफारी के स्थाई और बेहतर संचालन के लिए भी 38 पदों के सृजन को मंजूरी मिल गई है। वहीं 35 गाड़ियों की खरीद पर मुहर लग गई है। राजगीर जू सफारी के उत्तम संचालन के सभी 29 अतिरिक्त पद सृजित हुए हैं। सहरसा नगर परिषद को नगर निगम व मुजफ्फरपुर और छपरा नगर निगम का क्षेत्र विस्तार पर मुहर लगी है।