गोरखपुर के जगदीशपुर से शुरू होने वाला एक्सप्रेस-वे पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक बनेगा। 400 किलोमीटर लंबाई में बनने जा रहा यह एक्सप्रेसवे बिहार के 9 जिले से होते हुए गुजरेगा। बिहार कि सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, अररिया, सुपौल, किशनगंज, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण शामिल है।
इसमें बिहार, यूपी एवं पश्चिम बंगाल शामिल है। आठ लेन वाला यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह ग्रीन फील्ड होगा। बहुत जल्द नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से एक्सप्रेस वे को स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। साथ ही भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है इसे 2025 तक बना लिया जाना है।
भोपाल की एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्टस प्राइवेट लिमिटेड ने सड़क का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार किया है। इस परियोजना में किसी भी पुरानी सड़क को नहीं जोड़ा जाएगा। जनसंख्या के हिसाब से प्रोजेक्ट को तैयार किया जाएगा ताकि जमीन अधिग्रहण की समस्या नहीं आए। तीन नक्शा बनाया गया था। पहले नक्शे के अनुसार गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 514 किलोमीटर लंबी सड़क में 27 हजार 709 करोड़ की राशि खर्च होनी है। दूसरे एलाइनमेंट के अनुसार 473 किलोमीटर सड़क निर्माण में 25 हजार 50 करोड़ की की राशि खर्च होगी। जबकि तीसरे एलाइनमेंट के मुताबिक 515 किलोमीटर सड़क निर्माण 25 हजार 161 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
बता दें कि गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक एनएच 27 पर गाड़ियों के लोड के वजह से तेज रफ्तार से गाड़ी चलना संभव नहीं है। लोगों को 12 से 13 घंटे का समय गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने में लग जाता है। नया एक्सप्रेस वे बन जाने के बाद गोरखपुर से सिलीगुड़ी का सफर आसान हो जाएगा लगभग 600 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी जिससे 6 से 7 घंटे में ही सफर पूरा हो जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे को आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेस वे से जोड़ने की योजना है। इसी तरह सिलीगुड़ी होते हुए यूपी के मुख्य शहरों के साथ ही दिल्ली का सफर भी आसान हो जाएगा।