बिहार के 16 साल के हर्ष का कमाल, इसरो के राकेट रिसर्च प्रोजेक्ट में हुआ चयन, पिता चलाते हैं ई-रिक्शा

बिहार के छात्र हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। एक बार फिर से किलकारी के छात्र ने कमाल कर दिखाया है। बिहार बाल भवन किलकारी साइंस विद्या के स्टूडेंट हर्ष राजपूत का सलेक्शन इसरो के देश के पहले (री-यूजेबल लांच व्हीकल) राकेट “अटल यान” प्रोजेक्ट के लिए हुआ है। बता दें कि इस परियोजना के लिए पूरे देश से 3500 शोधकर्ताओं का चयन हुआ है। हर्ष की उम्र केवल 16 साल है। इसरो और डीआरडीओ ने अटल यान आर्बिटएक्स इंडिया एरोस्पेस कंपनी को राकेट तैयार करने का जिम्मा सौंपा है। राज्य सरकार के द्वारा बिहार बाल भवन किलकारी संचालित होता है। यहां उन छात्रों को मौका दिया जाता है, जो अनुसंधान में दिलचस्पी रखते हैं।

बता दें कि अटल यान एक पुन: प्रयोज्य दो फेजों वाला राकेट बनेगा। इसे आर्बिटएक्स के द्वारा डिजाइन और निर्माण किया जाना है। यह कंपनी डीआरडीओ और इसरो से जुड़ी है। अटल यान के एयर ब्रिदिंग सिस्टम रिसर्च बोर्ड में हर्ष को काम करने का अवसर मिलेगा। हर्ष बताते हैं कि यह वायु श्वास सिस्टम है। एक वायु-श्वास राकेट इंजन तकरीबन आधी उड़ान के लिए हवा से आक्सीजन प्राप्त करता है। अटल यान प्रोजेक्ट छह बोर्डों में बटा हुआ है। हर बोर्ड के लिए, एक सहायक निदेशक और एक मेंटर शोधकर्ता रखे गए हैं, जो शोधकर्ताओं का गाइडेंस करेंगे।

हर्ष अटल यान के एयर ब्रिदिंग सिस्टम रिसर्च बोर्ड में तीन माह इंटर्नशिप कर चुके हैं। इन्हें आर्बिटएक्स से इंटर्नशिप का सर्टिफिकेट और अनुसंधानकर्ता का सर्टिफिकेट मिला है। उसी दौरान इसरो के वैज्ञानिकों ने हर्ष की प्रतिभा को पहचाना। हर्ष के पिता शंभू सिंह ई रिक्शा चलाते हैं। घर की सारी जिम्मेदारी पिता के हाथों में है। हर्ष की एक छोटी बहन आठवीं क्लास में पढ़ रही है। हर्ष की माता गृहिणी हैं।

हर्ष ने कोविड काल में बुजुर्गों का ध्यान रखते हुए ऐसा मास्क बनाया था, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत ना हो। इसका नाम एंटी सफोकेशन मास्क था। फैन माड्यूल वाला यह मास्क तापमान, सीओ टू और नमी के स्तर को कम करता है। यह हानिकारक वायुजनित प्रदूषण से सुरक्षित हवा देता है। यह हर मिनट 240 लीटर तक साफ हवा प्रदान कर सकता है, जो व्यस्क लोगों के लिए पर्याप्त है। इसकी कीमत 600-700 रुपए है।

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