रियल लाइफ के सुपर हीरो ‘हेलमेट मैन’ के नाम से देश भर में प्रसिद्ध बिहार के राघवेंद्र कुमार की कहानी लोगों के लिए मिसाल बन गई है। सड़क हादसे में अपने दोस्त को गंवाने के बाद राघवेंद्र ने सड़कों पर लोगों को हेलमेट बांटना शुरू कर दिया। अपने अभियान को जारी रखने के लिए राघवेंद्र ने नौकरी छोड़ दी और घर भी बेच दिया। इस अभियान के तहत राघवेंद्र अभी तक 50 साल से भी ज्यादा लोगों को हेलमेट बांट चुके हैं। समान्य पृष्ठभूमि से आने वाले “हेलमेट मैन” राघवेंद्र कुमार की चर्चा चारों ओर हो रही है।
राघवेंद्र कुमार बिहार के कैमूर जिले के ग्रामीण इलाके बगाढ़ी से आते हैं। चार भाइयों में राघवेंद्र सबसे छोटे हैं। पिता किसान हैं। घर की आर्थिक हालात ठीक नहीं थी लिहाजा 12वीं की पढ़ाई के बाद राघवेंद्र को नौकरी की तलाश में भटकना पड़ा। बनारस में 5 सालों तक छोटी-मोटी नौकरियां की। घर की जिम्मेदारी संभालते हुए पढ़ाई के लिए पैसे भी इकट्ठा किए। साल 2009 में लॉ की पढ़ाई के लिए दिल्ली का रुख किया। पढ़ाई के दौरान मित्रता हुई और इन्हीं में से उनके एक खास मित्र इंजीनियरिंग के छात्र कृष्ण कुमार ठाकुर थे।
‘Free Helmet for Bikers’
After losing his friend in a road accident, Shri Raghavendra Singh made his goal to make people aware of road safety. #RoadSafetyHeroes #RoadSafetyWeek pic.twitter.com/uQhAGex8it— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 13, 2020
डिपार्टमेंट अलग था लेकिन राघवेंद्र अपने मित्र कृष्ण के साथ एक ही हॉस्टल में रहते थे। राघवेंद्र बताते हैं, साल 2014 में नोएडा एक्सप्रेस-वे बाइक चला रहे थे। एक लापरवाही के कारण मित्र कृष्ण की जान चली गई। सड़क हादसे के शिकार हुए, हेलमेट नहीं था और सिर में गंभीर चोट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से राघवेंद्र इतने व्यथित हुए की सड़क पर बिना हेलमेट के चल रहे लोगों को फ्री में हेलमेट बांटने की शुरुआत कर दी।
राघवेंद्र कहते हैं, ‘पहले मैं मुफ्त में लोगों को हेलमेट बांटता था लेकिन जब अपने दोस्त के यहां गया तो उनके यहां से कुछ किताबें लाकर एक जरूरतमंद बच्चे को दे दिया। दीघा किताबों से बच्चे ने स्कूल में शीर्ष स्थान हासिल किया। फिर किया था जो लोग पुरानी किताबें लाकर देते हैं मैं अब उन्हीं को हेलमेट देता हूं।’
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी “हेलमेट मैन” राघवेंद्र कुमार की इस पहल की तारीफ कर चुके हैं। बिहार सरकार ने ही “राघवेंद्र कुमार” को “हेलमेट मैन” की उपाधि दी है। अपनी मुहिम का विस्तार करते हुए अब हेलमेट देने के साथ ही 5 लाख रुपए की दुर्घटना बीमा भी राघवेंद्र कर रहे हैं।