बीते दिन यानी 15 अप्रैल को बिहार के सीतामढ़ी जिले के परमानंदपुर में निर्मित सुपर पावर ग्रिड राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्री राज कुमार सिंह ने लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किया। इस ग्रीड के चालू होने से सीतामढ़ी के साथ-साथ पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा और शिवहर जिले में विद्युत की आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा पावरग्रिड सीतामढ़ी उपकेंद्र से नेपाल की पनबिजली परियोजना अरुण-तीन से भी बिजली लेने में सफल होगा।
बता दें कि 36 एकड़ एरिया में सीतामढ़ी पावरग्रिड बना है, इसे बनाने में टोटल 644 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। ग्रीड की ट्रांसफॉरमेशन कैपिसिटी 1400 एमवीए तक है। यह उपकेंद्र 400/220/132 केवी दरभंगा और मोतिहारी उपकेंद्र से जुड़ा है। उत्तर बिहार के लिए यह ग्रीड 400 केवी अंतरराज्यीय प्रणाली का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान कर, नेशनल ग्रिड के साथ प्रदेश की कनेक्टिविटी को मजबूती प्रदान करेगा।
Watch the Hon'ble Minister of Power, New and Renewable Energy, @RajKSinghIndia, dedicating 400/220/132 kV POWERGRID Sitamarhi Sub-Station to the nation.@pgcilindia https://t.co/Z5oRvFIjhi
— Office of R.K. Singh (@OfficeOfRKSingh) April 14, 2022
उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि भविष्य में ऊर्जा के क्षेत्र में देश के उपलब्धियों को देश देखकर दूसरे देश भी इसका नकल करेंगे। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिहार में राजग की सरकार बनी थी तो बिजली की व्यवस्था चरमराई थी। लेकिन सरकार बनने के बाद से ही राज्य में बिजली की स्थिति मजबूत हो गई। आगामी दिनों में विद्युत के क्षेत्र में भारत को और मजबूत किया जाएगा। राज्य में विद्युत कटौती की बात काफी पुरानी हो गई है। आमजनों को अब 24 घंटे बिजली मिलेगी।
उन्होंने कहा कि बिहार के बिजली को मॉडल बनाने हेतु और राशि उपलब्ध कराई जाएगी। अब हम बिजली का सप्लाई दूसरे देशों को करते हैं। हमारी सरकार ने देश के प्रत्येक घरों में विद्युत का कनेक्शन दिया। हमारी सरकार ने बिजली की स्थिति बदली। सोलर प्लेट पर हमारी सरकार 40 प्रतिशत की अनुदान दे रही है। इसके उपयोग से पर्यावरण में भी बेहतरी होगी।
बिहार विधान परिषद के उप नेता दिनेश चंद ठाकुर ने कार्यक्रम में अपने वक्तव्य के दौरान कहा कि जब वह बिहार सरकार में पथ निर्माण के सचिव थे, तो उन्हीं के नेतृत्व में राज्य में सड़कों का निर्माण हुआ। एक समय था जब वह पटना जाने में सीतामढ़ी के लोगों को 6 घंटे लग जाते थे लेकिन अब महज ढाई घंटे में राजधानी पहुंचना संभव हुआ है। उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की भी तारीफ की।