अब बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ना महंगा हो गया है। बिहार शिक्षा विभाग में स्कूल की कई सेवाओं के शुल्क में वृद्धि की है। दो से 4 गुना तक शुल्क वृद्धि की गई है। शिक्षा विभाग में इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। वही विभाग ने बिजली बिल से लेकर आई डी कार्ड बनवाने तक के स्वरूप को सीधे 2 गुना बढ़ोतरी कर दी है। प्रवेश शुल्क 15 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए कर दिया है।
विकास शुल्क को बढ़ाकर 80 रुपए से 160 से 200 रुपए के बीच कर दिया गया है। माध्यमिक विद्यालयों में पुन: प्रवेश और पलायन शुल्क को खत्म कर दिया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा आदेश के अनुसार मनोरंजन शुल्क को 10 रुपए से बढ़ाकर 20 रुपए कर दिया गया है। स्कूल रखरखाव शुल्क के लिए 50 रुपए अलग से देने होंगे। उच्च माध्यमिक विद्यालय में मनोरंजन शुल्क 3 गुना बढ़ाकर 60 रुपए कर दिया गया है। विद्युत शुल्क 60 रुपए की जगह 80 रूपए देने होंगे।
शिक्षा विभाग ने कई और महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं जिससे छात्रों को काफी राहत मिलने वाली है। माध्यमिक विद्यालय में अनुपस्थिति और विलंब शुल्क को खत्म कर दिया गया है। मिडिल स्कूल में री-एडमिशन के प्रवेश शुल्क को खत्म कर दिया गया है। वहीं हाई स्कूल में पलायन शुरु को भी खत्म कर दिया गया है।
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्राचार्य को अधिक राशि खर्च करने की पावर दी गई है अब प्राचार्य सालाना ढ़ाई लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे। स्कूल के प्राचार्य 500 तक विद्यार्थियों पर सालाना डेढ़ लाख, 500 से अधिक पर दो लाख और 750 से अधिक संख्या वाले प्राचार्य सालाना ढाई लाख खर्च कर सकेंगे