बिहार सरकार राज्य के सभी 30 हजार 300 मिडिल स्कूलों में स्मार्ट क्लास स्कीम लागू करने जा रही है। साल 2024 तक के सभी मिडिल स्कूलों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के अनुसार सरकारी विद्यालयों में बच्चों के लिए डिजिटल शिक्षा उपयोगी कदम साबित होगा। इससे बच्चों का भविष्य भी बेहतर होगा।
बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए गुड न्यूज़ यह है कि इस वर्ष से 2739 मिडिल स्कूलों में स्मार्ट क्लास योजना लागू करने की कवायद शुरू हो गई है। तमाम चीजें योजनाबद्ध ढंग से हुआ तो छात्र-छात्राओं को गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल में स्मार्ट क्लास की सुविधा मिलने लगेगी। इस स्कीम को प्रभावी ढंग से लागू कराने में वित्तीय रूप से कोई भी बाधा उत्पन्न नहीं होगी क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट क्लास के लिए 657 करोड़ 60 लाख रुपये की सहयोग राशि मिल रही है।
बता दें कि एक स्मार्ट क्लास के निर्माण पर 2 लाख 40 हजार रुपए की लागत आएगी। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बिहार को चयनित मिडिल स्कूलों के लिए राशि की स्वीकृति दे दी है। यह योजना केंद्र सरकार की बुनियादी साक्षरता एवं अंकज्ञान से संबंधित योजना के अंतर्गत लागू हो रही है।
शिक्षा विभाग की माने तो वह मिडिल स्कूलों में एनआईसी के सहयोग से स्मार्ट क्लास का निर्माण किया जाएगा, इसके तहत 42 इंच की एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। सीडी प्लेयर के बैकअप के लिहाज से एक-एक यूपीएस दिए जाएंगे। स्मार्ट क्लास संचालित होने में कोई बाधा उत्पन्न ना हो इसके लिए एक इनवर्टर भी उपलब्ध कराया जाएगा। विज्ञान व गणित में बच्चों को स्मार्ट क्लास के माध्यम से फिल्म प्रदर्शन के जरिए पढ़ाने और समझाने की कोशिश की जाएगी। गणित समझाने के लिए मिडिल स्कूलों के बच्चों को सराहन विधियों के जरिए प्रश्न सॉल्व करना भी सिखाया जाएगा।