बिहार के सरकारी विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए शिक्षा विभाग ने पूरी तरह कमर कस ली है। अब हर महीने राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों की कड़ी निगरानी ऐप के जरिए होगी। विद्यालय खुलने का समय, विद्यार्थियों और अध्यापकों की उपस्थिति, शिक्षण कार्य से जुड़े सारे गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाएगी। विद्यालयों में किसी तरह की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई करने का प्रावधान है। बिना सूचना दिए स्कूल से गायब पाए गए शिक्षकों पर भी शिक्षा विभाग रिपोर्ट तलब करेगी।
बिहार शिक्षा विभाग द्वारा मिली रिपोर्ट के अनुसार अब तक राज्य के भागलपुर में 64, गोपालगंज में 105, जमुई में 201, जहानाबाद में 25, अररिया में 29, अरवल में 16, औरंगाबाद में 17, कैमूर में 33, खगडिय़ा में 72, मुजफ्फरपुर में 112, नालंदा में 193, पूर्वी चंपारण में 130, रोहतास में 116, सहरसा में 100, किशनगंज में 16, मधेपुरा में 80, मधुबनी में 97, सारण में 77, शेखपुरा में 76 जबकि सुपौल मैं 8 प्राइमरी स्कूलों में इन ऐप के जरिए निगरानी की गई है जिसके बाद अच्छे रिजल्ट आए हैं। शिक्षकों की उपस्थिति और शिक्षण गतिविधियां में भी सुधार देखने को मिली है।
बिहार के सभी जिलों के प्राथमिक विद्यालय में ऐप के जरिए निगरानी की जा चुकी है। इसके तहत वैशाली जिले के 354, कटिहार में 482, लखीसराय में 63, मुंगेर में 78, नवादा में 596, पश्चिम चंपारण में 191, पटना में 685, पूर्णिया में 125, समस्तीपुर में 453 विद्यालय की निगरानी की जा चुकी है। शिक्षा विभाग के इस ठोस पहल से बिहार के सरकारी विद्यालयों की बेहतर स्थिति होने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है।