बिहार के सभी मंदिरों का अपने आमदनी का 4 प्रतिशत टैक्स सरकार को देना होगा। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड व्यापक स्तर पर 1 दिसंबर से अभियान चलाने जा रहा है। सभी सार्वजनिक मंदिरों को निबंधन भी कराने का फैसला लिया गया है। धार्मिक न्यास बोर्ड के इस अभियान में आम आदमी भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकता है। आम आदमी अपने आसपास के सार्वजनिक मंदिर के बारे में धार्मिक न्यास बोर्ड को जानकारी उपलब्ध करा सकता है। जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के बाद ही मंदिर का निबंधन होगा।
बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष एके जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 4600 मंदिरों का निबंधन हो चुका है। इसके बावजूद भी कई ऐसे बड़े मंदिर है जिन्होंने निबंधन नहीं कराया है। आलम तो यह है कि निबंधन कराने के बाद भी कई बड़े मंदिर टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधि मंत्रालय ने सभी जिला अधिकारियों को पहले निबंधित मंदिर की जमीन के बारे में जानकारी के लिए पत्र भी लिखा है। अब तक भोजपुर के जिलाधिकारी ने कुछ मंदिरों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है। आप सभी डीएम को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द मंदिरों की जमीन से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के नियमों के अनुसार कोई मंदिर किसी जमीन के दायरे के अंदर है तो वह निजी माना जाएगा। अगर परिवार का व्यक्ति पूजा करता है तो उसे सार्वजनिक माना जाएगा और उसका निबंधन भी कराना जरूरी है। मंदिर की आमदनी का 4 फीसद टैक्स धार्मिक बोर्ड को चुकाना होगा। मंदिरों का मालिकाना हक इष्ट देव के नाम करने पर मंत्रियों ने मांग की है। मंदिर की एक कमेटी गठित की जाएगी जिसमें प्रशासनिक अधिकारी और कई प्रतिष्ठित गणमान्य लोग होंगे। कमेटी मंदिर के पुजारी का चयन कर उसे वेतन भुगतान करेगा और रहने-खाने की सारी व्यवस्थाएं भी कमेटी करेगी।